पोलन एलर्जी से बचने की टिप्स,- Pollen allergy se bachne ki tips

पोलन एलर्जी से बचने की टिप्स,- Pollen allergy se bachne ki tips

मार्च–अप्रैल और सितंबर–अक्टूबर में जब फूलों पर बहार का मौसम होता है जब सर्दी–जुकाम और स्किन रैशेज के मामले भी बढ़ जाते हैं। ये पराग कणों के हवा में फैलने के कारण होता है और कुछ लोगों को इससे एलर्जी होती है।

सवेरे-सवेरे घर से बाहर निकलते ही हल्की ठंडी हवा जहां तन और मन को सुकून देती है, तो वहीं अचानक से एलर्जी का कारण भी साबित हो सकती है। नतीजन खांसी, छींक, स्किन इचिंग और जुकाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। ये मौसम जहां कुछ लोगों को सुहावना लगता है, तो कुछ लोगों के स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव देखने को भी मिलता है। दरअसल, इस मौसम में फूलों के पराग हवा में घुल जाते हैं, जो एलर्जी का कारण साबित होने लगते हैं। जानते हैं पोलन एलर्जी (Pollen Allergy) किसे कहते हैं और इससे कैसे राहत पाएं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार पोलन एलर्जी (Pollen Allergy) के मामले साल भर में दो बार देखने को मिलते है। पहला मार्च और अप्रैल और दूसरा अगस्त से अक्टूबर तक। इससे एलर्जिक राइनीटिस, अस्थमा और साइनोसाइटिस की समस्या समेत रेस्पीरेटरी हेल्थ पर उसका प्रभाव देखने को मिलता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की रिपोर्ट के अनुसार पालेन एलर्जी से गले में खराश, आंखों में जलन, स्किन पर इचिंग, खांसी-ज़ुकाम का सामना करना पड़ता है।

Allergy ke karan
घास और विंड पॉलिनेटिड प्लांट एलर्जिक रिएक्शन को ट्रिगर करते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

क्यों बढ़ने लगती है पोलन एलर्जी की समस्या (Pollen allergy causes)

पल्मोनोलॉजी कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ अवि कुमार कहते हैं कि मौसम में बदलाव के कारण होने वाली एलर्जी (Pollen Allergy) हे फीवर कहलाती है। दरअसल, इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने के चलते शरीर आउटडोर एलर्जेन का सामना नहीं कर पाता है, जो पोलन एलर्जी का कारण बनते हैं। विशेषतौर पर घास और विंड पॉलिनेटिड प्लांट एलर्जिक रिएक्शन को ट्रिगर करते हैं। सालभर में अलग अलग तरह के पौधे अपने अपने समय पर पराग उत्सर्जित करते हैं। इसके अलावा घरों मे पेट्स में बढ़ने वाली रूसी और फंगस इनडोर एलर्जेन को भी बढ़ा सकते हैं।

अमेरिकन अकेडमी ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी के अनुसार शरीर में कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली के चलते इम्यून सिस्टिम ओवररिएक्ट करते हुए इम्यूनोग्लोबुलिन ई यानि आईजीई नाम एंटीबॉडी का प्रोडक्शन बढ़ा देती है। ये एंटीबॉडी कोशिकाओं तक जाती हैं जो रसायन छोड़ती हैं, जिससे एलर्जी (Pollen Allergy) प्रतिक्रिया होती है।

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इन टिप्स की मदद से होगी पोलन एलर्जी की समस्या हल (Tips to deal with pollen allergy)

1. शरीर को हाइड्रेट रखें

गले में बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम के लिए पानी का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर डिटॉक्स हो जाता है औार म्यूकस को पतला करने में मदद मिलती है। इसके लिए रूटीन में डिटॉक्स वॉटर, ग्रीन टी, काढ़ा और गुनगुने पानी को पीएं। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और एलर्जी से बचा जा सकता है।

गले में बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम के लिए पानी का सेवन फायदेमंद साबित होता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. विटामिन सी का सेवन करें

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर विटामिन सी एंटीहिस्टामाइन की तरह शरीर को प्रोटेक्ट करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेढिसिन के अनुसार शरीर में इंफ्लामेशन का स्तर कम होने लगता है। साथ ही ब्ल्ड एंटीऑक्सीडेंट में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाती है। विटामिन सी को आहार में शामिल करने से आयरन का एबजॉर्बशन भी बढ़ने लगता है। इसके लिए आहार में नींबू, संतरा, कीवी, किन्नू, ग्रेप फ्रूट और आंवला को शामिल करें।

3. प्रोबायोटिक्स का सेवन करें

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार लैक्टोबैसिलस और बिफिडोबैक्टीरियम जैसे माइक्रोऑरगेनिज्म गट माइक्रोबायोम को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। इससे इम्यून सिस्अम बूस्ट होता है और एलर्जी को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए आहार में दही, छाछ, अचार और किमची को शामिल करें। साथ ही प्रोबायोटिक पेय पदार्थ भी फायदेमंद साबित होते हैं।

आहार में दही, छाछ, अचार और किमची को शामिल करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

4. स्टीम लेने से मिलेगा फायदा

एलर्जी से बचने के लिए स्टीमर की मदद से कुछ देर भाप लें। इससे नाक में बढ़ने वाली ब्लॉकेज और आंखों में बढ़ने वाली जलन और गल में खराश व चेहरे पर बढ़ने वाले पॉल्यूटेंट्स के प्रभाव से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके इस्तेमाल से संक्रमण के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलती है।

5. मास्क पहनकर रखें

घर से बाहर निकलते ही एलर्जी के संपर्क में आने से खुद को बचाने के लिए मास्क पहनकर निकलें और शरीर को ढ़ककर रखें। इससे स्किन एलर्जी की समस्या से भी बचा जा सकता है। इससे हवा में मौजूद पोलन से बचा जा सकता है।

6. डीह्यूमिडिफायर्स करें इस्तेमाल

हवा से नमी को हटाने के लिए एयर कंडीशनर और डीह्यूमिडिफायर्स इस्तेमाल करें। इससे फफूंदी और मोल्ड के विकास को सीमित किया जा सकता है। इससे एलर्जी का प्रभाव कम होने लगता है।

हवा से नमी को हटाने के लिए एयर कंडीशनर और डीह्यूमिडिफायर्स इस्तेमाल करें।

7. ब्रोमेलैन एंजाइम की मात्रा बढ़ाएं

पोलन एलर्जी (Pollen Allergy) से अपना बचाव करने के लिए ब्रोमेलैन युक्त फलों का सेवन करें। दरअसल, ये वो एंजाइम है जो इंफ्लामेशन को कम करके सांस लेने में होने वाली तकलीफ को कम करता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार आने लगता है। पपीता और अनानास जैसे फलों में ब्रोमेलैन की मात्रा पाई जाती है।

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