lack of response to their name could be a sign of autism
February 4, 2025 | by एबीपी लाइव


ऑटिज्म एक ऐसी स्थिति है जो बच्चों के व्यवहार पर गहरा असर डालती है. इसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) भी कहा जाता है, और यह बच्चों में व्यवहारिक बदलाव लाता है जिसे समय पर पहचानना जरूरी है.

ऑटिज्म के लक्षण स्पष्ट होते हैं, लेकिन कई बार माता-पिता इन्हें सामान्य व्यवहार मानकर नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा करने से बच्चे की स्थिति और बिगड़ सकती है और उसका विकास प्रभावित हो सकता है. इसलिए, जल्दी पहचान और सही इलाज बहुत महत्वपूर्ण हैं.

बच्चे को दूसरों के साथ खेलने में दिक्कत होती है.वे आंखों में आँखें डालकर बात नहीं कर पाते. दूसरों की भावनाओं को समझने में कठिनाई होती है.

बच्चे को बदलाव पसंद नहीं होता. वे एक ही रूटीन या तरीके से काम करना पसंद करते हैं.कुछ खास चीजों में उन्हें बहुत ज्यादा दिलचस्पी होती है और वे उसी में लगे रहते हैं.

अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा इनमें से किसी भी लक्षण को दिखा रहा है, तो इसे अनदेखा न करें. जल्द से जल्द एक बाल रोग विशेषज्ञ या ऑटिज्म विशेषज्ञ से मिलें और उनसे सलाह लें. उचित दिशा-निर्देश और सही इलाज से बच्चे का विकास और बेहतर हो सकता है.

जब बच्चे को ऑटिज्म हो, तो माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी है कि वे उसके साथ कैसे सही तरीके से पेश आएं. सबसे पहले, बच्चे पर अपनी इच्छाओं का बोझ न डालें. बच्चे को ऑटिज्म होने पर, उसे प्यार और समर्थन की ज्यादा जरूरत होती है.
Published at : 04 Feb 2025 09:05 PM (IST)
हेल्थ फोटो गैलरी
हेल्थ वेब स्टोरीज
RELATED POSTS
View all