वायु प्रदूषण का बढ़ता प्रभाव आंखों पर भी दिखने लगता है। नतीजन आँखों में खुजली और पानी आने की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में आंखों को ठंडक प्रदान करने के लिए साफ पानी से आई वॉश राहत प्रदान करता है। मगर साथ ही जान लें कि क्यों नहीं दी जाती, पानी से नियमित रूप से आंखें धोने की सलाह।
दिनभर स्क्रीन के सामने समय बिताने के कारण आंखों में रूखापन और खुजली का बढ़ना सामान्य है। इसके अलावा जहरीली हवा के संपर्क में आने से जहां सांस संबधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं, तो वहीं वायु प्रदूषण का प्रभाव आंखों पर भी दिखने लगता है। नतीजन आँखों में खुजली और पानी आने की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में आंखों को ठंडक प्रदान करने के लिए साफ पानी से आई वॉश राहत प्रदान करता है। अगर आप भी आंखों से जुड़ी समस्याओं को दूर करना चाहते हैं, तो ठंडे पानी के छींटे बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आंखों को पानी से धोकर मिलेगी इन समस्याओं से मुक्ति (wash eyes in summer)।
पानी से आंखे धोने से मिलेगी इन समस्याओं से मुक्ति (Eye washing helps to get rid of these problems)
1. एलर्जी से करे बचाव
अधिकतर लोगों को मौसम बदलने के साथ त्वचा और आंखों में पोलन एलर्जी का जोखिम बढ़ जाता है। एलर्जी की वजह से आँखों में खुजली, धुधलापन और पानी आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने के अलावा आई वॉश एक कारगर उपाय है। इससे आंखों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
2. पॉल्यूटेंट्स के प्रभाव से बचाए
सादे पानी से अपनी आँखों को धोने से जलन और पॉल्यूटेंट्स को हटाने में मदद मिलती है। इससे आंखे तरोताज़ा रहती है और आंखों में पानी आना और खुजली की समस्या से बचा जा सकता है। आई वॉश के लिए हमेशा स्वच्छ पानी का ही इस्तेमाल करें।

3. आंखों में सूजन
बैक्टीरियल इंफेक्शन के चलते आंखों में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे आंखों में लालिमा नज़र आने लगती है। दरअसल, आंखों के आसपास तरल पदार्थ एकत्रित हो जाने से सूजन बढ़ सकती है। इस समस्या को ब्लेफरटिस भी कहते हैं। इससे इरिटेशन और जलन बनी रहती है। इससे राहत पाने के लिए रात को सोने से पहले साफ पानी से आंखों को धोएं।
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4. आंखों का रूखापन
स्क्रीन टाइम बढ़ने से अधिकतर लोगों को आंखों में रूखेपन की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में गुनगुने और साफ पानी से आंखों को धोने से तनाव कम होने लगता है और राहत मिलती है। आंखों को धोने के बाद उंगली की मदद से आंखों की मसाज करने से फायदा मिलता है। इससे रूखापन कम होता है और इरिटेशन भी कम होने लगती है।

आंखों को ठीक से कैसे धोएँ (Steps to wash eyes)
1. हाथों को साबुन से धोएं
कीटाणुओं के प्रभाव को कम करने के लिए हाथों को आंख पर लगाने से पहले धो लें। हाथों को साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं। इससे किसी प्रकार के इंफे्क्शन के जोखिम से बचा जा सकता है।
2. ठंडे पानी का करें इस्तेमाल
आँखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए स्टेराइल सलाइन, कॉन्टैक्ट लेंस सॉल्यूशन या पानी का इस्तेमाल करें। इससे ही अपनी आँखों को धोएँ, मगर बार बार धोन से बचना चाहिए।

3. सिर को पीछे झुकाएं
अपना सिर पीछे झुकाएँ, आँखें खोलें और घोल या पानी को अपनी आँख के अंदरूनी कोने में डालें। अब इसे अपनी आँख से होते हुए बाहरी कोने से बाहर आने दें। जब तक आपकी आँख बेहतर महसूस न करेए तब तक इस प्रक्रिया को दोहराएँ।
4. साफ कपड़े से पोंछे
वॉश करने के बाद आंखों को धोने के लिए इस्तेमाल किए हुए कपड़े या तौलिए की जगह किसी साफ कपड़े का इस्तेमाल करें। इससे आंखों की स्वच्छता उचित बनी रहती है और संक्रमण का प्रभाव कम होने लगता है।
पानी से नियमित रूप से आंखें धोने की सलाह क्यों नहीं दी जाती है
इस बारे में नेत्र विशेषज्ञ डॉ अनुराग नरूला बताते हैं कि सादे पानी से आंखें धोने के बाद ताज़गी का एहसास होता है। मगर नियमित रूप से आंखों की स्वच्छता के लिए इसकी सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे नेचुरल टियर फिल्म बाधित होती है, जिससे सूखापन, जलन और संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है।
1. टियर फिल्म का बाधित होना
आंखों में एक नेचुरल टियर फिल्म मौजूद होती है जो उन्हें चिकनाई प्रदान करती है और उनकी रक्षा करती है। पानी से धोने से यह फिल्म धुल सकती है, जिससे सूखापन और असुविधा हो सकती है।
2. संक्रमण का जोखिम बढ़ जाना
आंसू फिल्म संक्रमण के खिलाफ एक बाधा के रूप में भी काम करती है। पानी से धोने से ये बाधित हो सकती है। इससे आंखें संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। खासतौर से तक जब नल के पानी से आंखों को धोया जाता है।

3. नल के पानी से बचें
नल के पानी में सूक्ष्मजीव, बैक्टीरिया या अन्य अशुद्धियाँ पाई जाती हैं जो आँखों में जलन या संक्रमण पैदा कर सकती हैं।
4. कॉन्टैक्ट लेंस वाले लोगों को बचने की आवश्यकता
कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों के लिए यह अच्छी आदत नहीं है। कॉन्टैक्ट लेंस आँख की सतह पर सूक्ष्मजीवों को फंसा सकते हैं, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों के लिए नल के पानी से आँखें धोने की सलाह नहीं दी जाती है।