असंतुलित दिनचर्या और अस्वस्थ खानपान से किडनी में मिनरल्स और सॉल्ट का डिपोजिशन होने लगता है, जो स्टोन का रूप ले लेता है। किडनी स्टोन गंभीर दर्द और परेशानी का कारण बन सकती है। कुछ बातों का ख्याल रखकर इस समस्या से बचा जा सकता है।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल किडनी से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है, उन्हीं में से एक है किडनी स्टोन, जो एक दर्दनाक स्थिति है। असंतुलित दिनचर्या और अस्वस्थ खानपान से किडनी में मिनरल्स और सॉल्ट का डिपोजिशन होने लगता है। वे लोग जो मधुमेह और उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है, उनमें इस समस्या का खतरा कई गुना बढ़ने लगता है। वहीं पानी न पीना भी इस समस्या के मुख्य कारणों में से एक है। जानते हैं किडनी स्टोन (Kidney stone) के लक्षण और इससे राहत पाने के उपाय भी।
किडनी स्टोन किसे कहते हैं (What is Kidney stone)
सीके बिरला अस्पताल, गुरूग्राम में नेफ्रोलॉजी कंसलटेंट डॉ मोहित खिरबत बताते है कि अनियमित खानपान से किडनी फंक्शन प्रभावित होता हैं। किडनी स्टोन गंभीर दर्द और परेशानी का कारण बन सकती है। ये तब बनते हैं जब यूरिन में कैल्शियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं और क्रिस्टल बनाते हैं। ये क्रिस्टल फिर एक साथ बंध कर पत्थर बना सकते हैं। गुर्दे की पथरी का आकार रेत के छोटे कणों से लेकर गोल्फ की गेंद के आकार के बड़े पत्थरों तक हो सकता है। वे पीठ, बाजू, पेट के निचले हिस्से या कमर में गंभीर दर्द के साथ-साथ मतली और उल्टी का कारण बन सकते हैं।

किडनी स्टोन के लक्षण (Signs of Kidney stone)
- पीठ, पेट और यूरिन पास करने के दौरान दर्द का सामना करना पड़ता है। ये दर्द काफी तेज़ रहता है, जो बार बार परेशान करता है।
- यूरिन पास करने के दौरान ब्लड आने लगता है। इसके अलावा पेशाब का रंग गहरा पीला और हल्का गुलाबी भी नज़र आने लगता है।
- इसके अलावा उल्टी आने की सेंसेशन बनी रहती है। वे लोग जो इससे ग्रस्त है, उन्हें भारीपन महसूस होने लगता है और कुछ भी खाने का मन नहीं करता है।
किडनी स्टोन से राहत पाने के उपाय (Tips to deal with Kidney stone)
1. पानी भरपूर मात्रा में पीएं
पानी पीने से हाइड्रेशन में मदद मिलती है और सिस्टम में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके लिए दिन में 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। लेकिन अगर मौसम गर्म है और कोई निर्जलित है तो यह ज़रूरत बढ़ सकती है। इसलिए कम पानी पीने से निर्जलीकरण और किडनी संबधी समस्या बढ़ सकती है।
2. अधिक नमक खाने से बचें
शरीर में सोडियम की ज्यादा मात्रा किडनी स्टोन के खतरे को बढ़ा देती है। दरअसल, इससे यूरिन में कैल्शियम का स्तर बढ़ने लगता है, जो स्टोन का रूप ले लेता है। नमक की अधिक मात्रा शरीर में सोडियम पोटेशियम के बैलेंस को असंतुलित कर देती है। इससे किडनी की फंक्शनिंग प्रभावित होती है। सीमित मात्रा में नमक का सेवन करें।
यह भी पढ़ें



3. स्मोकिंग और ड्रिंकिंग को करें अवॉइड
नियमित रूप से धूम्रपान करने से यूरिन में प्रोटीन जमा होने लगता है जो किडनी को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसके साथ ही स्मोकिंग किडनी में ब्लड फ्लो को धीमा कर देती है। वहीं अल्कोहल का सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जो शरीर में सूजन समेत कई समस्याओं का कारण साबित होती है।
4. कैल्शियम की मात्रा को करे नियंत्रित
जॉन्स हॉप्किन मेडिसिन की रिसर्च के अनुसार अधिक मात्रा में कैल्शियम युक्त प्रोडक्ट्स का सेवन करने से यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ने लगती है। ऐसे में ऑक्सालेट जब कैल्शियम के साथ मिल जाता है, तो यह गुर्दे की पथरी का कारण बनता है। ऐसी कंडीशन को हाइपरकैल्सीयूरिया भी कहा जाता है। इस स्थिति में कैल्शियम ऑक्सालेट को गट में बाइंड करने लगता है। ऐसे में कैल्शियम सप्लीमेंट्स को अवॉइड करें।
5. ऑक्सालेट रिच फूड्स का सेवन करने से बचें
नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार पालक, बादाम, भिंडी, शकरकंदी औश्र रस्पबैरी समेत ऑक्सलेट की मात्रा कई तरह के खाद्य पदार्थों में पाई जाती है। अत्यधिक मात्रा में ऑक्सालेट बढ़ने से यूरिन के माध्यम से डिटॉक्स नहीं हो पाता है, किडनी स्टोन की समस्या बढ़ा देता है। नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार किडनी स्टोन से ग्रस्त लोगों को दिनभर में 100 मिलीग्राम ऑक्सलेट लेने की सलाह दी जाती है।
6.विटामिन सी रिच फूड्स सीमित मात्रा में लें
जामा इंटरनल मेडिसिन के रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन सी का अधिक सेवन किडनी स्टोन के जोखिम को बढ़ा सकता है। दरअसल, विटामिन सी शरीर में पहुंचकर ऑकसलेअ में कनवर्ट होने लगता है, जिससे स्टोन की संभावना बढ़ जाती है।

7. नींद की गुणवत्ता को बढ़ाएं
हेल्दी स्लीप रूटीन मेंटेन करने के लिए स्लीप हाइजीन का ख्याल रखें। सोने के लिए नियमित समय तय करें और गहरी नींद के लिए डिसटर्बेंस से बचें और अंधेरा करके सोएं। दरअसल, भरपूर नींद मिलने से किडनी डैमेज टिशू को रीजेनरेट करने में मदद मिलती है। इससे ब्लड का फ्लो उचित बना रहता है।