ग्रिप स्ट्रेंथ सभी उम्र के लोगों के लिए वर्कआउट का एक ज़रूरी रूप है क्योंकि ये मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। ग्रिप स्ट्रेंथ को मजबूत करने के लिए हैंड एक्सरसाइज़ बेहद ज़रूरी है।
किसी व्यक्ति की बाजूओं से लेकर हाथों की पकड़ का अंदाज़ा इस बात से नहीं लगाया जा सकता कि वो आसानी से भारी सामान यहां से वहां रख सकता है। इसके लिए ये जानना ज़रूरी है कि आप सामान को कितनी मज़बूती से पकड़ते हैं। वेटलॉस के लिए लोग घंटों जिम में बिताते हैं। मगर साथ ही फोरआर्म्स मसल्स की मज़बूती बनाए रखना भी ज़रूरी है। अधिकतर लोग एब्स और बाइसेप्स को मज़बूत बनाने पर ज़ोर देते हैं, मगार हाथों की पकड़ को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसका अंदाजा हाथ, फोरआर्म्स और कलाई से लगाया जा सकता है। सबसे पहले जानते हैं कि ग्रिप स्ट्रैंथ (grip strength) क्या है और इसे कैसे मज़बूत बनाया जा सकता है।
ग्रिप स्ट्रैंथ क्या है (What is grip strength)
ग्रिप स्ट्रैंथ उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि हाथ और बाजू किसी वस्तु को पकड़ते समय कितनी ताकत इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए हैंड एक्सरसाइज़ बेहद ज़रूरी है। क्लिनिकल इंटरवेंशन इन एजिंग के रिसर्च के अनुसार, पकड़ शक्ति किसी व्यक्ति की समग्र शक्ति, अपर बॉडी की मज़बूती, बोन डेंसिटी, कुपोषण, तनाव का स्तर, नींद की समस्या और जीवन की गुणवत्ता के बारे में बहुत कुछ बताता है। वास्तव में\ पकड़ शक्ति परीक्षण से मधुमेह के जोखिम की भी जाँच की जा सकती है।
हमारे शरीर के लिए ग्रिप स्ट्रेंथ क्यों ज़रूरी है (Importance of grip strength)
ग्रिप स्ट्रेंथ वर्कआउट सभी उम्र के लोगों के लिए ज़रूरी है क्योंकि ये कार्यात्मक गतिशीलता, मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। जर्नल ऑफ़ हेल्थ पॉपुलेशन एंड न्यूट्रिशन के अनुसार ग्रिप स्ट्रेंथ मांसपेशियों की ताकत और कार्य में उम्र से संबंधित गिरावट को मापने का एक सटीक तरीका है।

क्यों कम होने लगती है पकड़ने की ताकत या ग्रिप स्ट्रेंथ (Causes of weak grip strength)
इस बारे में फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि एजिंग, अनियमित व्यायाम और कार्पल टनल सिंड्रोम ग्रिप कमज़ोर होने का कारण साबित होते हैं। इसके अलावा चोटिल होना, अर्थराइटिस और पोषण की कमी इस समस्या को बढ़ा देती है। खासतौर से विटामिन डी की कमी शारीरिक अंगों में दर्द और ऐंठन को बढ़ा देती है।
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ग्रिप स्ट्रेंथ को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज़ (Exercise to improve grip strength)
1. रिस्ट कर्ल (Wrist curl)
- इसे करने के लिए हाथों में डंबल लें और घुटनों के बल बैठकर बेंच पर दोनों बाजूएं टिका लें। इस दौरान कमर को सीधा रखें।
- अब आगे की ओर झुकें और अपनी फोरआर्म्स को बेंच पर टिकाकर अपनी कलाइयों को मज़बूती से रखें।
- इसके बाद अपनी कलाइयों को ऊपर की ओर मोड़ें, फिर नीचे लेकर आएं। हाथों में क्षमता के अनुसार भार उठाएं।
- इस दौरान पैरों को जमीन पर टिकाकर रखें।
2. क्रश ग्रिप (Crush grip)
- इसका अभ्यास करने के लिए हाथों में स्प्रिंग लोडेड हैंड ग्रिपर उठाएं और दाहिने हाथ से पूरी ताकत लगाकर उसे बंद करने का प्रयास करें।
- शुरूआत में हल्की रज़िस्टेंस वाले ग्रिपर का प्रयोग करें। उसके बाद धीरे.धीरे इसे बढ़ाएँ। उससे हाथों की पकड़ मज़बूत बनती है।
- इसे हाथ पर रखकर हाथ को बंद कर लें और फिर खोलें। शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ का नियमित रूप से अभ्यास करें।
- आइसोमेट्रिक मज़बूती के लिए दिन में दो बार इसका अभ्यास करें।
3. रिवर्स बारबेल कर्ल (Reverse barbell curl)
- हाथों की ग्रिप को बढ़ाने के लिए फोरआर्म्स मसल्स को मज़बूत होना आवश्यक है। इसके लिए अपनी पीठ सीधी कर लें और सिर ऊपर की ओर रखें।
- उसके बाद अपनी हथेलियों को नीचे रखते हुए अपने शरीर की क्षमता के अनुसार हाथों से बारबेल को उठा लें।
- इसके बाद बाजूओं को उपर करें और कोहनी से मोड़ते हुए चेस्ट के सामने लगकर जाएं। इससे बाजूओं की मज़बूती बढ़ती है।
- अब बारबेल को नीचे लेकर आएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें और फिर शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।

4. हैमर डंबल कर्ल (Hammer dumbbell curl)
- हैमर डंबल कर्ल में दोनों हाथों में अलग अलग वज़न को उठा लें और उपर की ओर लेकर जाएं।
- इस दौरान पीठ को एकदम सीधा रखें और गहरी सांस लें। इस दौरान डंबल को मज़बूती से पकड़ें।
- 1 से लेकर 2 मिनट तक इस व्यायाम का अभ्यास करें। धीरे धीरे डंबल के वेट को बढ़ा सकते है।
- ध्यान रखें कि वज़न उठाने के बाद दोनों बाजूओं को एक साथ उपर की ओर लेकर जाएं। इस दौरान टांगों में गैप मेंटेन करके रखें।
5. डेड हैंग (Dead Hang)
- डेड हैंग एक्सरसाइज़ के दौरान किसी रॉड से लटका जाता है। इसके लिए पीठ को सीधा कर लें। अब बाजूओं से रॉड पकड़े।
- शुरूआत में 45 सेकण्ड ये 1 मिनट तक लटकें और फिर हाथों को छोड़ दें। धीरे धीरे समय सीमा को बढ़ाते रहें।
- देर तक इस व्यायाम को करने से हाथों की पकड़ी ढीली होने लगती है। ऐसे में क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें।
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