Pillow Therapy : ऑफिस में काम का प्रेशर हो या दिल टूटने का दर्द हर बात अंदर तक तकलीफ पहुंचाती है. इससे छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह की चीजें करते हैं. हालांकि, उन्हें आराम नहीं मिल पाता है. ऐसे में एक छोटा-सा साथी, बिना कुछ कहे आपको सुकून दे सकता है. वह है तकिया…आजकल सोशल मीडिया और हेल्थ एक्सपर्ट्स के बीच एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है,पिलो थेरेपी यानी तकिया थेरेपी. इसकी मदद से लोग अपने दर्द को निकाल रहे हैं. आइए जानते हैं यह कैसे काम करता है और इसके फायदे क्या हैं…
तकिया थेरेपी क्या है
तकिया थेरेपी (Pillow Therapy) का आइडिया बहुत ही सिंपल है. आप एक सॉफ्ट तकिया लें, उसे जोर से पकड़ें, चाहें तो उस पर चिल्लाएं, रोएं या अपने दिल का गुबार निकालें या अपनी बातें कहें. इसे Emotional Venting का हिस्सा माना जाता है. यह थेरेपी तनाव को कम करने और इमोशनल रिलीज के लिए बेहद असरदार मानी जा रही है. कई बार फिल्मों में आपने एक्टर या एक्ट्रेस को तकिए से मुंह दबाकर रोते हुए देखा होगा. यह तकिया थेरेपी ही होती है, जो बेहद कारगर मानी जाती है.
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि कभी-कभी हमारे पास कोई नहीं होता जिससे हम खुलकर बात कर सकें. ऐसे में तकिया थेरेपी हमारे लिए एक सेफ स्पेस बन जाती है, जहां हम बिना जजमेंट के खुद को एक्सप्रेस कर सकते हैं. वैसे भी चीखने से डायफ्राम और कोर मसल्स एक्टिव हो जाती हैं, जिससे स्ट्रेस कम होता है. ये एक तरह का इमोशनल रिबूट बटन की तरह काम करता है, जो निगेटिव थॉट्स, स्ट्रेस को ब्रेक कर देती है.
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तकिया थेरेपी के फायदे
ऑफिस का तनाव कम होता है.
नींद बेहतर होती है.
ब्रेकअप या रिलेशनशिप ट्रॉमा से राहत मिलती है.
एंग्जायटी के केस में राहत मिलती है.
गुस्सा अपनों की बजाय तकिए पर निकालने से रिश्ते बचते हैं.
अपनी फीलिंग्स को खुलकर जाहिर कर सकते हैं.
इमोशंस को दबाना नहीं पड़ता है.
मानसिक तनाव कम होता है
पिलो थेरेपी कैसे करें
एक शांत जगह चुनें जहां आप अकेले हों.
एक सॉफ्ट पिलो यानी तकिया लें जिसे आप गले लगा सकें या मुंह दबाकर चिल्ला सकें.
अपनी भावनाएं खुलकर निकालें, चाहे वो गुस्सा हो, रोना हो या चिल्लाना.
चाहें तो तकिए से बात करें, जैसे वह कोई आपका करीबी हो.
धीरे-धीरे शांत हो जाएं और कुछ गहरी सांसें लें.
पिलो थेरेपी क्यों ट्रेंड में है
टेक्नोलॉजी के इस दौर में लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, लेकिन इमोशनली अकेले हैं. तकिया थेरेपी न सिर्फ इमोशनल हेल्थ में मदद कर रही है, बल्कि बिना दवा के एक असरदार इलाज बन चुकी है. कई लोग इसे रोज़ाना के रूटीन में शामिल कर चुके हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह थेरेपी डिप्रेशन या गंभीर मानसिक समस्या का इलाज नहीं है. अगर तकिया थेरेपी से भी राहत न मिले, तो किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से जाकर मिलें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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