यदि आपने कभी भी पेट की मालिश नहीं की है, तो इस बार इसे जरूर आजमाएं। यदि आपको गैस, कब्ज जैसी कोई भी परेशानी हो रही है, तो इसमें अपने पेट को मसाज देकर देखें। कुछ दिनों में आपको बेहतरीन फायदे नज़र आना शुरू हो जायेंगे।
क्या आप अक्सर ब्लोटिंग अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहती हैं? या आपको अक्सर खाने के बाद पेट में भारीपन महसूस होता है? तो इन सभी के लिए आपको दवाइयां लेने की आवश्यकता नहीं है! इन समस्याओं से राहत पाने के लिए पेट को मसाज देकर देखें। पेट की मालिश की प्रथा सदियों से चली आ रही है, आज भी आयुर्वेद में इसका चलन है। क्योंकि ये असल में बेहद कारगर होती हैं। यदि आपने इसे कभी भी नहीं आजमाया है तो इस बार इसे जरूर आजमाएं। यदि आपको गैस, कब्ज जैसी कोई भी परेशानी हो रही है, तो इसमें अपने पेट को मसाज देकर देखें (stomach massage)। आज हम आपको बताएंगे पेट को मालिश करने का सही तरीका, साथ ही जानेंगे इसके क्या फायदे हैं (stomach massage)।
जानें पेट को मसाज देने का सही तरीका
- अपने दोष के आधार पर तेल का चुनाव करें। कच्चे तिल का तेल, नारियल या सूरजमुखी का तेल सहित जोजोबा या बादाम का तेल इस्तेमाल कर सकती हैं।
- अपनी हथेलियों को अपने पेट के बीच में रखें। फिर धीमी गति से तीन धीमी और गहरी सांस लें।
- अपनी हथेलियों को रगड़ते हुए तेल गर्म करें।
- अपनी उंगलियों के पैड से हल्का दबाव डालते हुए, अपने पेट के निचले-बाएं कोने से शुरू करते हुए गोलाकार गति में घुमाएं।
- अपने पेट के निचले-बाएं कोने से निचले-दाएं कोने तक अपनी गति से आगे बढ़ें।
- फिर दाईं ओर से अपनी पसलियों के ठीक नीचे तक और फिर वापस बाईं ओर जाएं।
- अपने पेट के निचले-बाएं कोने में अपने शुरुआती बिंदु पर वापस बाईं ओर जाकर समाप्त करें।
- इस गोलाकार पैटर्न को कुछ देर दोहराती रहें।

जानिए पेट को मसाज देने के क्या फायदे हैं (benefits of abdominal massage):
1. पाचन क्रिया में सुधार करता है
पेट की मालिश की जड़ें प्राचीन चीनी चिकित्सा में हैं। इसका उपयोग शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सदियों पुरानी प्रथा के रूप में किया जाता रहा है। पेट की मालिश करने का कार्य तनाव को कम करने और भावनात्मक शरीर को ठीक करने में मदद कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पाचन संबंधी शिकायतें नहीं होती हैं।
जैसे-जैसे पेट की मांसपेशियां एक्टिवेट होती हैं, पाचन उत्तेजित होता है और गैस, सूजन और ऐंठन जैसी पेट की परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।
2. कब्ज से राहत दिलाने में मददगार है
पेट की मालिश करने से कब्ज से राहत मिलती है और मल त्याग नियमित रहता है। जैसे ही पेट की मांसपेशियां कोमल, निरंतर दबाव से शिथिल होती हैं, पाचन तंत्र एक्टिवेट हो जाता है। पेट की मालिश और कब्ज पर किए गए अध्ययनों में पाया गया कि पेट की मालिश करवाने वाले ग्रुप में कब्ज में कमी और नियमित मल त्याग में वृद्धि देखी गई।
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3. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है
एक स्वस्थ आंत समग्र स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में योगदान देता है, जिससे हमारे शरीर को वायरस और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। पेट की मालिश से, लसीका प्रणाली उत्तेजित होती है, जिससे बॉडी टॉक्सिंस बाहर निकल आते हैं, और शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है।
4. मुद्रा में सुधार करता है
पेट की मांसपेशियां आपके मुख्य मांसपेशी समूह का निर्माण करती हैं। यदि मुख्य भाग की मांसपेशियां कमज़ोर या बहुत टाइट हैं, तो यह खराब मुद्रा का कारण बन सकती है। पेट की मालिश पेट की मांसपेशियों को ढीला करने और इन्हें फ्लैक्सिबल बनाने में मदद करती हैं, जिससे आपकी मुद्रा में सुधार होता है। यह मांसपेशियों को अधिक तरल बनाता है, जिससे उनकी मोबिलिटी भी बढ़ जाती है और आपकी मांसपेशियां एक बेहतर पॉश्चर के निर्माण में आपकी मदद करती हैं।
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