अगर आप भी अभी तक यह सोचकर दुविधा में हैं कि प्रेगनेंसी में सेक्स करना चाहिए या नहीं, तो आपकी दुविधा दूर करने के लिए हम यहां एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के सुझाव आपको दे रहे हैं। जो गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने के फायदे बता रही हैं।
प्रेगनेंसी में सेक्स करना चाहिए या नहीं, ये बहस बरसों पुरानी है। मां-नानी, और घर के बड़े-बुजुर्ग इसकी सख्ती से मनाही करते हैं। जबकि डॉक्टर इसे पूरी तरह सेफ बताते हैं। ज्यादातर स्त्री रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर प्रेगनेंसी में कोई दिक्कत नहीं है, तो सेक्स करने में कोई बुराई नहीं है। बल्कि यह प्रेगनेंसी में आपके मूड और रिलेशनशिप को बेहतर बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है। प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अरुणा कालरा इसे नॉर्मल डिलीवरी के लिए भी फायदेमंद बताती हैं। क्या सचमुच प्रेगनेंसी में सेक्स नॉर्मल डिलीवरी में योगदान करता है? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
प्रेगनेंसी में सेक्स के बारे में क्या कह रही हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अरुणा कालरा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में प्रेगनेंसी में सेक्स करने की सिफारिश की है। वे इसे नॉर्मल डिलीवरी के लिए मददगार मानती हैं। अपनी पाेस्ट में उन्होंने घरों में काम करने वाली उन महिलाओं का जिक्र करते हुए बताया है कि, कैसे इन महिलाओं में ज्यादातर की नॉर्मल डिलीवरी होती है। जबकि शहरी-कामकाजी महिलाओं में सी सेक्शन के मामले ज्यादा होते हैं।
इसके लिए वे उनके गर्भावस्था के पूरे नौ महीने शारीरिक रूप से सक्रिय होने को सबसे बड़ा कारण मानती हैं। डॉ अरुणा कहती हैं, कि जो महिलाएं अपनी गर्भावस्था में शारीरिक रूप से सक्रिय रहती हैं, उनके लिए नॉर्मल डिलीवरी आसान हो जाती है। जबकि फिजिकली एक्टिव न रहने वाली महिलाओं में सी सेक्शन डिलीवरी की संभावना अधिक होती है।
इंडियन टॉयलेट सीट भी हैं मददगार
गांव की औरतों का उदाहरण देते हुए डॉ अरुणा कालरा कहती हैं, कि इंडियन स्टाइल की टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करते हुए आप स्क्वाट पॉजीशन में बैठते हैं, जिससे पेल्विक मसल्स को संकुचित होने और फैलने में मदद मिलती है। यह मुद्रा शरीर के इस हिस्से के लिए एक स्वभाविक व्यायाम है।
सेक्स कैसे करता है नॉर्मल डिलीवरी में योगदान
फिजिकली एक्टिव रहने और इंडियन टाॅयलेट सीट के इस्तेमाल के अलावा प्रेगनेंसी में किया गया सेक्स भी नॉर्मल डिलीवरी को आसान बना देता है। डॉ अरुणा कालरा कहती हैं, पुरुषों के सीमन में एक प्रोस्टाग्लैंडीन नाम का तत्व होता है। जो नॉर्मल डिलीवरी में मदद करता है। डॉ आगे सुझाव देती हैं कि यदि आप प्रेगनेंसी में सेक्स करने से डरती हैं, तो नौंवा महीना शुरू होने के बाद सेक्स करना जरूर शुरू करें। जाकि वेजाइनल मसल्स मजबूत हो सकें और योनि प्रसव आसानी से हाे सके।
क्या सचमुच प्रेगनेंसी में सेक्स फायदेमंद है?
गर्भाशय ग्रीवा को नरम करने और प्रसव को प्रेरित करने के संदर्भ में सेक्स की भूमिका (Sexual intercourse for cervical ripening and induction of labour) का अध्ययन करने के लिए जोसफिन केवेनाग ( Josephine Kavanagh) , एंथनी जे केली (Anthony J Kelly) और जेन थॉमस (Jane Thomas) ने अप्रैल 2023 में 28 महिलाओं पर इसका अध्ययन किया।
इस अध्ययन में प्रसव को आसान बनाने में पुरुषों के शुक्राणुओं में मौजूद प्रोस्टाग्लैंडीन की भूमिका का भी अध्ययन किया गया। यह जांचने के लिए, कि क्या यह वाकई सर्विक्स की ओपनिंग को नरम और लचीला बना देता है? हालांकि यह अधिकांश उदाहरणों में गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में सेक्स करने वाली महिलाओं में प्रसव में आसानी रही। मगर इसका श्रेय पूरी तरह पुरुषों के सीमन को देने के लिए पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं है।

शोध समूह का मानना था कि यह सेक्स के दौरान गर्भाशय के निचले हिस्से में बड़े हुए संकुचन के कारण भी हो सकता है। साथ ही इसके लिए ऑर्गेज्म के दौरान ऑक्सीटॉसिन के स्राव को भी महत्वपूर्ण माना जा सकता है। जो दर्द कम करने और फीलगुड करवाने वाला हॉर्मोन है। विशेषज्ञों ने इसके लिए निप्पल स्टीमुलेशन को भी एक कारगर उपाय बताया है।
चलते-चलते
अध्ययन के निष्कर्ष भले ही उलझे हुए हों, और डाटा की सीमित उपलब्धता भले ही इस बात को सीधे तौर पर नहीं मान रही। मगर विशेषज्ञ डॉ अरुणा कालरा, जो लंबे समय से इस क्षेत्र में हैं और मौलिक उदाहरणों से प्राप्त जानकारी के आधार पर बात करती हैं, वे इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में सेक्स करना नॉर्मल वेजाइनल डिलीवरी को आसान बना देता है।
यह गर्भाशय के निचले हिस्से की मांसपेशियों को नर्म और लचीला बनाता है, ऑक्सीटॉसिन रिलीज करवाता है और आप दोनों को फीलगुड भी करवाता है। तो घबराएं नहीं, अपनी डॉक्टर से बात करें और गर्भावस्था में सेक्स को एन्जॉय करें।
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