शरीर को अपने जीवनकाल में अन्य पोषक तत्वों के समान कई कारणों से प्रोटीन की कमी का भी सामना करना पड़ता है। हांलाकि इसके लक्षण जल्द नज़र नहीं आते हैं। इन संकेतों से पहचानें कि आपका शरीर है प्रोटीन की कमी का शिकार, आहार में इन खाद्य पदार्थों को करें शामिल
प्रोटीन की गिनती उन ज़रूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट में की जाती है, जो मसल्स, स्किन और हार्मोनस को संतुलित रखने में मदद करते है। इस बिल्डिंग ब्लॉक से न केवल शरीर की मज़बूती बढ़ती है बल्कि इससे बॉडी फंक्शनिंग भी स्मूद बनी रहती है। शरीर को अपने जीवनकाल में अन्य पोषक तत्वों के समान कई कारणों से प्रोटीन की कमी का भी सामना करना पड़ता है। हांलाकि इसके लक्षण जल्द नज़र नहीं आते हैं। मगर इससे मसल्स धीरे धीरे सूखने लगते हैं और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले जानते हैं शरीर में प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) के कारण और उसे दूर करने के लिए हेल्दी विकल्प।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अक्सर कुपोषण और अनहेल्दी डाइट्स के चलते बच्चों में प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) देखने को मिलती है। इस स्थिति को क्वाशिओरकोर भी कहा जाता है। ऐसे में व्यक्ति को हाथों और पैरों में सूजन का सामना करना पड़ता है। इसका असर शरीर की मांसपेशियों पर दिखने लगता है, जिससे त्वचा, बाल, हड्डियों और लिवर संबधी समस्याएं बढ़ जाती है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि प्रोटीन की कमी के चलते हडिड्यों की कमज़ोरी बढ़ने लगती है और मांसपेशियों का संकुचन बढ़ जाता है। इसके चलते शरीर की शेप में परिवर्तन देखने को मिलता है। मसल्स सूखने लगते है, पेट बाहर आने लगता है और वज़न ज्यों का त्यों बना रहता है। इसके लिए आहार में अंडा, मूंगदाल चीला, सीड्स, नट्स और दूध को आहार में शामिल कर सकते हैं। मगर पोषक तत्वों के सेवन के अलावा उसका एबजॉर्बशन भी आवश्यक है।

इन संकेतों से पहचानें की शरीर में बढ़ रही है प्रोटीन की कमी (Signs of Protein deficiency)
1. मांसपेशियों की कमज़ोरी का बढ़ना
शरीर में प्रोटीन की कमी के चलते मसल्स लॉस और दर्द की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते एनर्जी के लिए शरीर स्केलिटल मांसपेशियों में मौजूद प्रोटीन की मात्रा का इस्तेमाल करने लगते है, जिससे मसल्स में संकुचन बढ़ने लगता है। इससे मसल्स क्रैप्स की भी समस्या बनी रहती है, जो शरीर में थकान और कमज़ोरी को बढ़ाने लगती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार 65 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को बॉडी वेट के हिसाब से प्रत्येक पाउंड 0ण्5 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। इससे शरीर में सरकोपेनिया को रोकने में मदद मिलती है, जो मसल्स एजिंग का कारण साबित होता है।
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2. रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
प्रोटीन शरीर को पोषण के अलावा इम्यून सिस्टम बूस्ट करने में भी मदद करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार प्रोटीन का उचित मात्रा में सेवन करने से शरीर में एंटीबॉडीज़ बनने लगती है। इससे शरीर में संक्रमण का प्रभाव कम होने लगता है। साथ ही अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का जोखिम भी कम होने लगता है। दरअसल, शरीर में कार्ब्स और फैट्स की मात्रा एनर्जी की आवश्यकता को पूर्ण करने लगते हैं। मगर प्रोटीन की कमी और फैट्स की अधिक मात्रा वेटगेन का कारण साबित होती है।

3. हड्डियों की कमज़ोरी बढ़ना
आहार में प्रोटीन की कमी हड्डियों की कमज़ोरी को बढ़ाने लगती है। इससे बचने के लिए भरपूर मात्रा में इसे आहार में शामिल करें। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की स्टडी के अनुसार वे लोग जो नियमित रूप से पनीर को अपनी मील में शामिल करते हैं, उनके शरीर में बोन मिनरल डेंसिटी की मात्रा 6 फीसदी अधिक होती है। उन लोगों की तुलना में जो इसे आहार में शामिल नहीं करते हैं। नेशनल ऑस्टियोपिरोसिस फाउनडेशन के अनुसार इस पोषक तत्व से हड्डियां मज़बूत बनती है और चोटिल होने का जोखिम कम होने लगता है।
4. एनिमिया की स्थिति
ऑक्सफोर्ड अकेडमी रिसर्च के अनुसार प्रोटीन की कमी से शरीर को प्रोटीन.एनर्जी मालन्यूट्रीशन यानि पीईएम का सामना करना पड़ता है। इसके चलते शरीर में एनीमिया की स्थिति बनने लगती है। दरअसल, एनीमिया के चलते बॉडी में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा कम होने लगती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे बॉडी फंक्शनिंग बाधित हो जाती है। ऐसे में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाना आवश्यक है।
5. याददाश्त की कमी
शरीर में प्रोटीन की कमी बच्चों के शारीरक और मानसिक विकास को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। इससे कॉग्नीटिव फंक्शनिंग प्रभावित होती है, जिससे बच्चो में एकाग्रता और याद रखने की क्षमता कम होने लगती है। एनआईएच के रिसर्च के अनुसार वे बच्चे जिन्हें संपूण आहार की प्राप्ति नहीं होती है, उनका विकास अवरूद्ध होने की क्षमता अन्य बच्चों की तुलना में 4 गुना बढ़ जाती है।
प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए इन विकल्पों को आहार में शामिल करें (Foods to prevent Protein deficiency)
1. बादाम का करें सेवन
आहार में बादाम को शामिल करने से शरीर को फाइबर, विटामिन ई, मैग्नीशियम और प्लांट बेस्ड प्रोटीन की प्राप्ति होती है। यूएसडीए के अनुसार एक ओंस बादाम का सेवन करने से शरीर को 6 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा पिस्ता और काजू में भी प्राटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।
2. दूध है पोषण से युक्त
दूध की गिनती एक कंप्लीट मील में की जाती है। इससे शरीर को फासॅफोरस, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन की प्राप्ति होती है। यूएसडीए के अनुसार एक कप दूध से शरीर को डेली मील का 8.32 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है।

3. दाल से प्राटीन की कमी होगी पूरी
दाल से प्रोटीन की उच्च मात्रा में प्राप्ति होती है। इससे शरीर को फाइबर और फोलेट के साथ साथ आयरन और कॉपर भी मिलता है। आहार में शामिल करने के लिए दाल को पकाकर या अंकुरित करके शामिल कर सकते हैं।
4. दही से मिलेगा पोषण
दही को स्मूदी के अलावा नट्स सीड्स, फलो और सब्जियों के साथ मिलाकर खाने से शरीर को प्रोबायोटिक्स और प्रोटीन मिलता है। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव रहता है। साथ ही इससे पाचन संबधी समस्याएं हल होने लगती है। साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार ग्रीक योगर्ट का सेवन करने से शरीर को दही की तुलना में दोगुने प्रोटीन की प्राप्ति होती है।