अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान से शरीर में कैलोरीज़ का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे मेंस्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और स्मार्ट जीवनशैली जैसी कुछ आदतें लोअर बैली फैट को दूर करने के लिए बेहद मददगार साबित हो सकती है। बैली फैट कम करने के लिए इन टिप्स की लें मदद
अक्सर सोशल मीडिया पर महिलाएं लोअर बैली फैट को दूर करने के तरीकों को क्रॉल करते हुए नज़र आती हैं। दरअसल, महिलाओं को प्रेगनेंसी के बाद लोअर बैली फैट की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान से शरीर में कैलोरीज़ का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे पेट पर जिद्दी चर्बी एकत्रित होने लगती हैं। ऐसे में जहां कुछ लोग जिम का रूख करते हैं, तो कुछ ब्रेकफास्ट को खासतौर से स्किप करने का मन बना लेते हैं।
इससे शरीर में अपच और ब्लोटिंग समेत थकान का सामना करना पड़ता है। हांलाकि स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और स्मार्ट जीवनशैली जैसी कुछ आदतें वेटलॉस के लिए बेहद मददगार साबित हो सकती है। नियमित व्यायाम चयापचय को बढ़ाता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। जानते हैं वो 9 गलतियां, जिससे लोअर बैली फैट (Lower belly fat) कम करने में होती है असुविधा।

फिटनेस कोच विमल राजपूत बताती हैं कि लोअर बैली फैट (Lower belly fat) कम करने के लिए आहार में कैलोरीज़ की उच्च मात्रा को जोड़ने से बचना चाहिए। इससे शरीर में जमा फैट्स को ऊर्जा के लिए उपयोग किया जा सकता है।इसके अलावा रोज़ाना 100 ग्राम प्रोटीन का सेवन फायदेमंद साबित होता है। साथ ही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को अपने वर्कआउट रूटीन में अवश्य जोड़ना चाहिए।
लोअर बैली फैट कम करने के लिए इन टिप्स की लें मदद
1. ब्रेकफास्ट स्किप न करें
साइंस डायरेक्ट के अनुसार सुबह का नाश्ता छोड़ने से चयापचय दर धीमी होने लगती है, जिससे वेटगेन की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते शरीर ऊर्जा के लिए वसा को जलाने की जगह उसे बनाए रखते है। न्यूट्रिएंट्स जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार नाश्ता छोड़ने और शरीर के वजन के बीच एक गहरा संबंध पाया जाता है। शोध के अनुसार जो लोग नाश्ता नहीं करते हैं उनमें अधिक वजन या मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।
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2. कार्डियो पर ध्यान दें
अधिकतर लोग लोअर बैली फैट (Lower belly fat) कम करने के लिए कार्डियो पर निर्भर करते हैं। इससे शरीर को कई फायदे मिलते हैं। मगर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग यानि रेसिस्टेंस ट्रेनिंग को नज़रअंदाज़ करने से मोबिलिटी घटने लगती है। नियमित रूप से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है। साथ ही वेटलॉस में भी फायदा मिलता है। दरअसल, रोज़ाना व्यायाम करने से मांसपेशियां कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद करती जलाती हैं।
3. प्रोटीन डाइट में शामिल करें
आहार में प्रोटीन का शामिल करने के लिए अक्सर लोग सप्लीमेंटस और प्रोटीन शेक्स की मदद लेते हैं। मगर उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उन्हें दिनभर में प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए। यूएसडीए के अनुसार 19 वर्ष से अधिक महिलाओं को रोज़ाना 46 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है, जो कई तरीके से शरीर को प्राप्त होता है।
4. अल्कोहल का सेवन न करें
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कैलोरीज़ में अधिक अल्कोहल का नियमित रूप से सेवन करने से वेटगेन का सामना करना पड़ता है। दरअसल, इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है और एपिटाइट बढ़ने लगता है। इससे शरीर में लेप्टिन और घ्रेलिन जैसे हार्मोन का स्त्राव बढ़ जाता है, जिससे वेटगेन की समस्या बढ़ने लगती है।

5. डाइटरी पैटर्न को नियमित करें
सोमवार से बृहस्पतिवार तक केवल हेल्दी मील लेने के बाद अगर आप 3 दिन ऑयली और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते है, तो उससे वेटगेन की समस्या बढ़ जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार वे लोग जो वीकेण्ड पर अनहेल्दी मील लेते है, उन्हें दोबारा से वेटगेन का सामना करना पड़ता है।
6. फलों और सब्जियों को आहार में शामिल करें
विटामिन, मिनरल, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करने से शरीर को वॉटर कंटेट की प्राप्ति होती है। साथ ही इन लो कैलोरी फूड से शरीर में कैलोरीज़ के जमा होने का जोखिम कम हो जाता है।
7. तनाव कंट्रोल करें
हर पल किसी न किसी कारण तनाव में रहने वाले लोग खुद को समय नहीं देते हैं और हर कार्य के लिए हां कह देते है। इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर दिखने लगता है, जिससे वे कमज़ोरी महसूस करते हैं और थकान का सामना करना पड़ता है।
8. नींद पूरी करें
रोज़ाना 7 घंटे से कम नींद लेना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इससे अनिद्रा का सामना करना पडता है, जिससे शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इससे वेटगेन की समस्या बढ़ने लगती है और लोअर बैली फैअ का सामना करना पड़ता है।

9. हर दिन 5 हज़ार स्टेप्स चलें
दिनभर में 5 हज़ार स्टेप्स न चल पाने के कारण उनके शरीर में जमा कैलोरीज़ बर्न नहीं हो पाती है। ऐसे में सिडेंटरी लाइफस्टाइल को छोड़कर रोज़ाना कुछ देर वॉक करनी चाहिए। इससे शरीर में जमा कैलोरीज़ से राहत मिल जाती है।