उल्टी, लूज मोशन, सहित शरीर में अत्यधिक दर्द का अनुभव हो सकता है। इस स्थिति का उपचार मुमकिन है, पर “उपचार से बेहतर है बचाव”। इसलिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो इस समस्या को शरीर पर हावी होने से रोका जा सकता है।
गर्मी में हीट स्ट्रोक की समस्या बेहद आम होती है। इस मौसम जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है और वातावरण में गर्म हवाएं चलना शुरू होती हैं, हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक की स्थिति में शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या उससे अधिक पहुंच जाता है। इस स्थिति में मानसिक समस्याएं, जैसे भ्रम, चिड़चिड़ापन आदि हो सकता है। इसके अलावा उल्टी, लूज मोशन, सहित शरीर में अत्यधिक दर्द का अनुभव हो सकता है। इस स्थिति का उपचार मुमकिन है, पर “उपचार से बेहतर है बचाव”। इसलिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो इस समस्या को शरीर पर हावी होने से रोका जा सकता है।
यहां जानें हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय (6 tips to prevent heat stroke)
1. ढीले-ढाले, हल्के कपड़े पहनें
अधिक कपड़े या टाइट कपड़े पहनने से आपका शरीर ठीक से ठंडा नहीं हो पाता। इसलिए गर्मी में कॉटन के ढीले ढाले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। कॉटन के कपड़े से हवा पास होती है, जिससे शरीर पर पसीना लंबे समय तक जमा नहीं रहता और वे इवेपरेट हो जाता है। जिससे शरीर में ठंडक का एहसास बना रहता है। इस प्रकार भीषण गर्मी में आपको हीट स्ट्रोक से बचाव में मदद मिलती है।
2. सनबर्न से बचाव करें
सनबर्न आपके शरीर की खुद को ठंडा करने की क्षमता को प्रभावित करता है, इसलिए बाहर निकलने से पहले टोपी और सन ग्लासेज से से खुद को सुरक्षित रखें और कम से कम 30 के सन प्रोटेक्शन फैक्टर या SPF वाले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। भरपूर मात्रा में सनस्क्रीन अप्लाई करें, और हर दो घंटे में इसे दोबारा लगाएं। अगर आप तैराकी कर रही हैं, या पसीना आ रहा है तो अधिक फ्रिक्वेंटली इसे रिपीट करें।

3. खूब सारा फ्लूइड लें
हाइड्रेटेड रहने से आपके शरीर को पसीना आने और शरीर का औसत तापमान बनाए रखने में मदद मिलती है। घर से बाहर निकलने के पहले खूब सारा पानी पिएं और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें। क्योंकि सूरज की करने में अधिक पसीना आता है और शरीर से फ्लूइड जल्दी-जल्दी बाहर निकलता है। इसलिए अपने साथ पानी की बोतल कैरी करें और थोड़े-थोड़े अंतराल पर इसे पीती रहें। इस प्रकार बॉडी हाइड्रेटेड रहेगी और ठंडक का एहसास भी बना रहेगा। साथ ही हीट स्ट्रोक की संभावना भी बहुत कम हो जाएगी।
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4. कुछ दवाओं के साथ अतिरिक्त सावधानी बरतें
यदि आप दवाइयों का सेवन करती हैं, तो कई बार यह दवाइयां आपकी बॉडी को डिहाइड्रेट कर देती हैं और शरीर में अधिक गर्मी पैदा करती हैं। जिसकी वजह से गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए दवाइयों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें और उनसे पूछे कि क्या यह दवाइयां आपके लिए सुरक्षित है या नहीं।

5. कभी भी किसी को खड़ी कार में न छोड़ें
बाहर धूप में खड़ी गाड़ी में बच्चों को छोड़ देने से गर्मी में उनका दम घुट सकता है। जब आप धूप में खड़ी होती हैं, तो आपकी कार का तापमान 10 मिनट में 20 डिग्री फ़ारेनहाइट बढ़ सकता है। गर्म या उमस भरे मौसम में पार्क की गई कार में किसी व्यक्ति या पालतू जानवर को छोड़ना असुरक्षित है, भले ही खिड़कियां खुली हों या कार छाएं में खड़ी हो। इस दौरान हिट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए इसका ध्यान रखें।
6. ठंडी जगह पर आराम करें
अगर आपका काम धूप में होता है या आप किसी खेल में भाग लेती हैं, तो ऐसे में गर्म मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और ठंडी जगह पर बार-बार आराम करें। दिन के ठंडे समय में, जैसे कि सुबह या शाम को ज्यादा काम निपटाने और खेलने एवं याशारीरिक गतिविधियों में भाग लेने का समय निर्धारित करने का प्रयास करें।
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