काली मिर्च को पाइपर निग्रम भी कहा जाता है। इसका स्वाद तीखा शरीर को कई लाभ पहुंचाता है। इसमें पिपेरिन तत्व की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा शरीर को बायोएक्टिव कंपाउड की भी प्राप्ति होती है। शरीर को अन्य फायदे पहुंचाने के अलावा काली मिर्च वेटलॉस में इस तरह से करती है मदद।
वेटलॉस के लिए हेल्दी मील्स से लेकर नियमित वर्कआउट बेहद आवश्यक है। ऐसे में आहार को पौष्टिक बनाने के लिए कई तरह के फलों और सब्जियों के अलावा मसाले भी बेहद फायदमंद साबित होते है, जो खाने में स्वाद एड करने के साथ साथ वज़न को नियंत्रित करने में भी मदद करते है। तीखे स्वाद और गहरी सुगंध के अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कंपाउड स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है। काली मिर्च में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउड कैलेरी की स्टोरेज को कम करके वेटलॉस में मददगार साबित होती हैं। जानते हैं काली मिर्च क्या है और ये कैसे वज़न को नियंत्रित करने में है मददगार (Black pepper for weight loss)।
काली मिर्च क्यों है खास (Black pepper for health)
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फाइटोमेडिसिन एंड फाइटोथेरेपी की रिपोर्ट के अनुसार काली मिर्च का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं के लिए भी किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा पोषक तत्वों के एबजॉर्बशन को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। साथ ही वेटलॉस में मदद करती है। काली मिर्च को पाइपर निग्रम भी कहा जाता है। इसका स्वाद तीखा शरीर को कई लाभ पहुंचाता है। इसमें पिपेरिन तत्व की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा शरीर को बायोएक्टिव कंपाउड की भी प्राप्ति होती है।

काली मिर्च किस तरह वेटलॉस में करती है मदद (Black pepper for weight loss)
1. मेटाबॉलिज्म को बढ़ाए
इसमें मौजूद पिपेरिन की मात्रा मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें पाई जाने वाली थर्मोजेनेसिस की मात्रा कैलोरी बर्निंग क्षमता को बढ़ाकर शरीर में मौजूद वसा को बर्न करने में मदद करती है। फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार पिपेरिन फैट सेल ब्रेकडाउन में मददगार साबित होता है। इससे कैलोरीज़ को स्टोर होने से रोका जा सकता है।
2. ओवरइटिंग से बचाए
फ़ूड एंड फंक्शन जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार काली मिर्च में फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जिससे बार बार भूख लगने और ओवरइटिंग से बचा जा सकता है। वे लोग जो नियमित रूप से काली मिर्च का सेवन करते हैं, उससे वज़न को नियंत्रित रखा जा सकता है। काली मिर्च का तीखा स्वाद भूख को नियंत्रित करने और अधिक खाने से रोकने में मदद करता है।
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3. फैट्स को एकत्रित होने से रोके
पिपेरिन में मौजूद एंटी.एडिपोजेनिक गुण पेट पर जमा चर्बी को कम करने में मदद करती हैं। इससे फैट्स को बढ़ने से रोका जा सकता है और शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी रहता है। काली मिर्च में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउड फैट्स की मात्रा को नियंत्रित करके नए फैट सेल्स को बनने से रोकता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।

4. शुगर के स्तर को करे नियंत्रित
काली मिर्च रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करके वेटला्स में मदद करती है। पिपेरिन इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और शुगर स्पाइक्स को कम करता है। काली मिर्च का सेवन मीठे की क्रेविंग को शांत करके वजन घटाने में मददगार साबित होता है।
काली मिर्च का कैसे करें सेवन (How to add black pepper in our diet)
1. पपीते पर काली मिर्च को डालकर खाएं
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए पपीते को काटकर उस पर काली मिर्च को स्पिं्रक्ल करके खाने से फायदा मिलता है। इससे भूख को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐ प्लेट पपीते के लिए आधा छोटा चम्मच काली मिर्च का इस्तेमाल करें।
2. गर्म पानी के साथ काली मिर्च
एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच ताजा पिसी हुई काली मिर्च डालें। इसे हर सुबह खाली पेट पिएं। इससे पाचन की क्षमता में सुधार आने लगता है और ब्लोटिंग, कब्ज व दर्द से भी राहत मिल जाती है।

3. डिटॉक्स ड्रिंक
गर्म पानी में स्वादानुसार काली मिर्च, 1 चम्मच नींबू का रस और एक छोटा चम्मच शहद मिलाएं। इन सभी चीजों को मिलाकर सेवन करें। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है।
4. काली मिर्च की चाय
चाय के पानी में काली मिर्च को उबालकर पीने से शरीर को कई फायदे मिलते है। इससे शरीर में जमा कैलोरीज़ को आसानी से बर्न किया जा सकता है। नियमित रूप से इसका सेवन शरीर को फायदा पहुंचाता है।
5. दही और काली मिर्च
सादे दही में काली मिर्च मिलाकर खाने से पाचन संबधी समस्या हल होने लगती है। इससे गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है और गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है।