Maternal Mortality in India : पिछले करीब 20 सालों में प्रेगनेंसी, डिलीवरी या उसके कुछ ही दिनों बाद महिलाओं की मौतों के मामलों में 40% की कमी आई है. ये एक अच्छी खबर है और इसका क्रेडिट बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को जाता है. लेकिन एक नई रिपोर्ट ने चिंता जताई है कि अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो यह सुधार थम सकता है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNFPA) ने 7 अप्रैल को ‘Trends in Maternal Mortality’ नाम की रिपोर्ट जारी की है. इसके अनुसार, 2000 से 2023 तक प्रेगनेंसी या डिलीवरी के दौरान या उसके 42 दिनों के अंतर मौत होने के मामलों में 40 प्रतिशत की कमी आई है.
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प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान क्यों होती है मौत
बहुत ज्यादा ब्लीडिंग
हाई ब्लड प्रेशर
जन्म देते समय सेहत से जुड़ी समस्याएं
असुरक्षित गर्भपात और अन्य कारण
मौतों में कमी कैसे आई
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने से इस हालात में सुधार आया है, हालांकि 2016 के बाद से इसकी रफ़्तार धीमी होने लगी है. एक अनुमान है कि साल 2023 में 2.60 लाख महिलाओं की प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान जटिलताओं की वजह से जान चली गई, जोकि करीब हर दो मिनट में एक मातृत्व मौत है.
यूएन एजेंसियों ने किया अलर्ट
फाइनेंशियल सपोर्ट में कटौरी कीवजह से मातृत्व, नवजात और बाल स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर होने की आशंका है, जिसे देखते हुए यूएन एजेंसियों ने तत्काल क़दम उठाने की अपील की है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, कि यह रिपोर्ट अच्छी पहल को बताती है लेकिन डेटा बताता कि दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में प्रेगनेंसी अब भी कितनी खतरनाक है, जबकि मातृत्व मौतों की रोकथाम के लिए कई समाधान मौजूद हैं.
भारत में हर दिन 52 मातृ मौत
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर दिन 52 मातृ मौतें हो रही हैं, जो नाइजीरिया के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसमें मातृ मृत्यु में डिलीवरी या प्रेगनेंसी में होने वाले कॉम्प्लिकेशन से जुड़ी मौतें शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि नाइजीरिया में मातृ मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है. भारत में 2023 में 19,000 प्रेगनेंट महिलाओं की मौत (Pregnancy Complications Death) हुई, जो पूरी दुनिया का 7.2% है. इसके साथ दूसरा नंबर भारत का है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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