पोस्टपार्टम हेयरफॉल एक सामान्य समस्या है, जिसका सामना अधिकतर महिलाओं को करना पड़ता है। शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में अचानक कमी आने लगती है। इससे बाल झड़ने की समस्या बढ़ जाती है। पोस्टपार्टम हेयरफॉल की समस्या को इन उपायों से हल किया जा सकता है।
डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाओं में बाल झड़ने की शिकायत बनी रहती है। दिनभर नवजात शिशु की देखभाल की चिंता उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। बच्चे के जन्म के बाद खानपान में बदलाव और फीडिंग के चलते अचानक हार्मोनल परिवर्तन बढ़ने लगते हैं, जो हेयरफॉल का कारण बनते हैं। हांलाकि जब बाल अचानक और अत्यधिक झड़ते हैं तो चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जाती है। आइए, जानें पोस्टपार्टम हेयरफॉल (Postpartum hair fall) के कारण और उससे निपटने के उपाय।
बच्चे के जन्म के 3 से 6 महीने के भीतर महिलाओं को बाल झड़ने का अनुभव होता है। इससे बालों की स्मूदनेस कम होने लगती है और हेयरफॉल बढ़ जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार वे महिलाएं जो समय से पहले बच्चे के जन्म और लो बर्थवेट समेत प्रीटर्म लेबर पेन से ग्रस्त थीं। उन्हें पोस्टपार्टम हेयरफॉल (Postpartum hair fall) का सामना करना पड़ा।
पोस्टपार्टम हेयरफॉल का कारण (Postpartum hair fall Causes)
शरीर में डिलीवरी के बाद कई बदलाव नज़र आते है। दरअसल, शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में अचानक कमी आने लगती है। इससे बाल झड़ने की समस्या बढ़ जाती है। इससे हेयरग्रोथ बाधित होती है और बालों की संरचना एनाजेन से टेलोजेन में चली जाती है। ब्लड सर्कुलेशन में कमी और पोषण की प्राप्ति न होना पोस्टपार्टम हेयरफॉल (Postpartum hair fall) का कारण साबित होती है।
क्या डिलीवरी के बाद बाल झड़ना सामान्य है (Is it normal to have hair fall after delivery)
वीपी ऑफ प्रोडक्ट फॉर डरमैलोज़ी केयर, ललिता आर्या बताती हैं कि बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में कुछ हार्मोन में तेज़ी से गिरावट आती है। दरअसल, गर्भावस्था के कारण शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन सहित कई अन्य हार्मोन के स्तर में भी वृद्धि होती है। गर्भावस्था के दौरान आपके रक्त की मात्रा भी बढ़ जाती है। उसके बाद बच्चे के जन्म के तुरंत बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सहित आपके कई हार्मोन के स्तर में तेज़ी से गिरावट आती है। जन्म के 24 घंटे के भीतर ये हार्मोन लगभग सामान्य स्तर पर वापस आ जाते हैं। हालाँकि जब तक आप स्तनपान करा रही हैं, प्रोलैक्टिन को उच्च स्तर पर बना रहता है। आपके रक्त की मात्रा भी कम हो जाती है।
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बच्चे के जन्म के बाद पहले तीन से चार महीनों के दौरान बालों का झड़ना सामान्य माना जाता है। अगर पोस्टपार्टम हेयरफॉल (Postpartum hair fall) 6 महीने से ज़्यादा समय तक जारी रहता है, तो यह क्रोनिक टेलोजेन एफ्लुवियम जैसी अधिक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
इन टिप्स की मदद से पोस्टपार्टम हेयरफॉल से बचा जा सकता है (Tips to avoid postpartum hair fall)
1. हेयर स्टाइलिंग से बचें
हेयर स्टाइलिंग बालों की जड़ों को कमज़ोर बनाकर फॉलिकल्स के नुकसान का कारण बनने लगते हैं। ऐसे में बालों की ग्रोथ के लिए हीटिंग टूल्स् की मदद न लें। पोस्टपार्टम हेयरफॉल (Postpartum hair fall) के दौरान हीट टूल्स और सैलून प्रक्रियाओं का उपयोग करने से बचें। इसस बालों की मज़बूती बढ़ने लगती है और बालों की स्मूदनेस बनी रहती है।
2. स्कैल्प मसाज है ज़रूरी
बालों की जड़ों की मज़बूती के लिए हेयर मसाज बेहद ज़रूरी है। इसके लिए नारियल के तेल में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करने से त्वचा का रूखापन कम होता है और फंगल इंफे्क्शन से भी राहत मिल जाती है। सप्ताह में 2 से 3 बार बालों की मज़बूती बनाए रखने के लिए बालों में तेल अवश्य लगाएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आने लगता है।
3. नेचुरल शैम्पू करें इस्तेमाल
केमिकल युक्त शैम्पू और कंडीशनर की जगह काले सूखे आंवला और शिकाकाई की कलियों को पानी में भिगोकर शैम्पू तैयार कर लें। अब इससे बालों को धोएं। साथ ही नेचुरल हेयरमास्क भी बालों की मज़बूती को बढ़ाने में मदद करते हैं।
4. स्वस्थ आहार
बच्चे के जन्म के बाद मां को शिशु के लालन पालन और खानपान के अलावा अपने आहार को भी पौष्टिक बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए। इस आहार में हरी और कलरफुल सब्जियाँ, फल, मेवे और सूखे मेवे शामिल होने चाहिए। बच्चे की ग्रोथ और अपने मसल्स की मज़बूती के लिए मां को संतुलित आहार लेना चाहिए।
5. चीनी का सेवन सीमित करें
अत्यधिक चीनी रक्त परिसंचरण को प्रभावित करती है। ऐसा होने पर रक्त आपके बालों के रोम तक प्रभावी रूप से नहीं पहुँच पाता है। इससे पोषक तत्व आपके बालों तक नहीं पहुँच पाते हैं और इस प्रकार स्वस्थ बालों के विकास में बाधा आती है।
6. आयरन सप्लीमेंट
नई माताओं के लिए कम से कम छह महीने तक आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव और स्तनपान अक्सर आयरन के स्तर को कम कर सकता है। ऐसे में आयरन युक्त फल, सब्जियां और नट्स का भी सेवन करें। इससे पोषक तत्वों का एबजॉर्बशन भी बढ़ने लगता है।