अपने वर्कआउट रूटीन में कार्डियो, हाई इंटैंसिटी और मॉडरेट इंटैसिटी वर्कआउट को शामिल करने से फैट बर्न करने में मदद मिलती है। शारीरिक गतिशीलता शरीर में एनर्जी के स्तर और लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करती है।
कभी समय की कमी, तो कभी बढ़ती ठंड जिम न जा पाने का मुख्य कारण साबित होने लगते हैं। दरअसल, देर तक बैठने से न सिर्फ पेट और कमर पर अतिरिक्त फैट्स एकत्रित होने लगते हैं बल्कि उससे शरीर का संतुलन भी बिगड़ने लगता है। ऐसे में अधिकतर लोग मील स्किप करने लगते है, तो कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद लेते है। उससे कैलेरी स्टोरेज को तो नियंत्रित किया जा सकता है, मगर पोश्चर में सुधार और हड्डियों की मज़बूती के लिए व्यायाम ज़रूरी है। अगर आप भी घर रहकर वेटलॉस करना चाहती हैं, तो इन एक्सरसाइज़ (Fat burning exercise at home) की लें मदद, जिन्हें बिना किसी टूल्स के किया जा सकता है।
शारीरिक गतिशीलता शरीर में एनर्जी के स्तर और लचीलेपन का बनाए रखने में मदद करती है। इससे बोन डेंसिटी में सुधार आने लगता है। साथ ही मसल्स में बढ़ने वाले स्ट्रेस को कम करके ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, जो महिलाएं नियमित रूप से व्यायाम (Fat burning exercise at home) करती हैं, उनमें पुरुषों की तुलना में समय से पहले मृत्यु या हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होने लगता है।
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि अपने वर्कआउट रूटीन में कार्डियो, हाई इंटैंसिटी और मॉडरेट इंटैसिटी वर्कआउट को शामिल करने से फैट बर्न करने में मदद मिलती है। एक एक्सरसाइज़ को 30 से 60 सेकण्ड तक लगातार करने से शरीर में जमा कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती हैं। वहीं एक्सरसाइज़ (Fat burning exercise at home) के साथ शरीर को 30 सेकण्ड का रेस्ट अवश्य दें। इससे चोटिल होने का खतरा कम होता है और ब्रीदिंग प्रॉबल्म से बचा जा सकता है। इस फुल बॉडी वर्कआउट को करने से बॉडी को टोन रखने में मदद मिलती हैं और स्टिफनेस से भी बचा जा सकता है।
जंपिंग जैक्स एक ऐसी एक्सरसाइज़ है, जिससे सुबह खाली पेट करने के अलावा रात को सोने से पहले करने से भी फायदा मिलता है। इसे करने के लिए एक जगह पर खड़े हो जाएं। अब दोनों बाजूओं को खोल लें और टांगों में भी गैप बनाकर रखें। इसे करने के लिए दोनों टांगों को खोलें और फिर वापिस लेकर आएं। टांगों के साथ बाजूओं का कॉर्डिनेशन बनाए रखें।
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दिनभर किसी भी वक्त इस एक्सरसाइज़ को किया जा सकता है। इसे करने के लिए एक ही जगह पर खड़े रहें। अब दोनों टांगों को एक साथ उपर उठाते हुए घुटने से मोड़ लें और एड़ियों को हिप्स से टच करें। इस दौरान हाथों को आगे की ओर रखें। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ता है और लव हैंडल पर जमा अतिरिक्त चर्बी से राहत मिल जाती है।
एक ही जगह पर खड़े होकर रनिंग पोज़िशन में बने रहना हाई नीज़ कहलाता है। इसके लिए टांगों को दौड़ने के समान एक के बाद एक उपर उठाएं और फिर नीचे लेकर जाएं। टांगों के साथ बाजूओं को भी उपर से नीचे की ओर लेकर आएं। इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है और वेटगेन से भी बचा जा सकता है।
ये एक प्रकार की क्रास लिफ्टिंग एक्सरसाइज़ है। इसमें टांगों के साथ साथ बाजूओं का मूवमेंट भी बना रहता है। इसे करने के लिए दाई टांग को बाई टांग के पीछे की अेर लेकर जाएं और उसी दौरान दोनों बाजूओं को आगे की ओर रखने हुए दाएं से बाएं लाएं। टांगों को एक एक कर स्विच करें। इस फुल बॉउी एक्सरसाइज़ को करने से शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है।
बाइसिकल क्रंचेस का अभ्यास करने से कोर मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती हैं। इसे करने के लिए सिर के नीचे दोनों बाजूओं को कोहनी से मोड़ते हुए टिकाकर रखें। उसके बाद टागों को साइकलिंग की मुद्रा में आगे से पीछे की ओर लेकर आएं।
पेट की मांसपेशियों में खिंचाव को बढ़ाने के लिए पुशअप्स की मदद ली जा सकती है। इससे वेटगेन की समस्या हल होने लगती है। इसे करने के लिए मैट पर पेट के बल लेटें। उसके बाद पैरों की उंगलियों पर शरीर का वज़न लेकर आएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इस पोज़िशन में बने रहें। इस दौरान पंजों को आगे की ओर जमीन पर लगाकर रखें।
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