वे लोग जो रात में खाना खाने के बाद दांतों की नियमित रूप से सफाई नहीं करते हैं। उन्हें मुंह में बैक्टीरिया की मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगती है। इससे शरीर में सूजन के अलावा आर्टरीज़ में प्लाक जमने का खतरा बना रहता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है
चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान पाने के लिए दांतों की स्वच्छता और चमक को बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह दी जाती है। मगर क्या आप जानते हैं कि ओरल हाइजीन को मेंटेन करने से न सिर्फ लुक्स में बदलाव आने लगता है बल्कि ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होता है। जी हां हाल ही में आई एक स्टडी में पाया गया है कि रात में ब्रश न करना हृदय रोगों से जुड़ी समस्याओं का कारण साबित हो सकता है। जानते हैं रात में ब्रश न करना हृदय स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है (brushing teeth to protect the heart)।
ब्रश करना हार्ट हेल्थ से कैसे है कनेक्टिड (Brushing teeth to protect the heart)
यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार खराब ओरल हाइजीन से ब्लड में बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिससे शरीर में सूजन बढ़ने लगती है। सूजन से एट्रियल फ़िब्रिलेशन यानि अनियमित दिल की धड़कन और दिल की विफलता का जोखिम बढ़ जाता है। इसके चलते हृदय की ब्लड को पंप करने या आराम करने और ब्लड फिल करने की क्षमता कम हो जाती है।
स्टडी के अनुसार कोरियाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा प्रणाली के 40 से 79 वर्ष की आयु के 161,286 प्रतिभागियों पर किए रिसर्च में पाया गया कि उनका एट्रियल फ़िब्रिलेशन या दिल की विफलता का कोई इतिहास नहीं था। प्रतिभागियों की साल 2003 और 2004 के बीच एक नियमित चिकित्सा जांच की गई। इसमें व्यक्ति की लंबाई, वज़न, बीमारियों, जीवनशैली, मौखिक स्वास्थ्य और मौखिक स्वच्छता व्यवहार पर रिसर्च किया गया।
इसके तहत दिन में तीन या उससे ज़्यादा बार दाँत ब्रश करने से एट्रियल फ़िब्रिलेशन का 10 फीसदी कम जोखिम पाया गया (brushing teeth to protect the heart) । हार्ट फेलियर का जोखिम 12 फीसदी तक कम हुआ।
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खराब ओरल हेल्थ हृदय को कैसे प्रभावित करती है (How oral health affect heart health)
वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार वे लोग जो रात में खाना खाने के बाद दांतों की नियमित रूप से सफाई नहीं करते हैं। उन्हें मुंह में बैक्टीरिया की मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगती है। इससे शरीर में सूजन के अलावा आर्टरीज़ में प्लाक जमने का खतरा बना रहता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
रात में ब्रश करना क्यों है ज़रूरी
इस बारे में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, दंत चिकित्सक डॉ दिवाकर वशिष्ट का कहना है कि ये समस्या 25 साल से लेकर 60 साल के व्यक्ति तक किसी की भी परेशानी बढ़ा सकती है। वे लोग जो ओरल इंफेक्शन के शिकार होते हैं। दरअसल, उनमें माउथ बैक्टीरिया का जोखिम बढ़ जाता है, जो खून में प्रवेश करते है। इससे क्लॉग्ड आर्टरीज का जोखिम बढ़ जाता है और बैक्टीरिया से आर्टरीज ब्लॉक होने लगती हैं। ऐसे में रात को सोने से पहले ब्रश करना ज़रूरी है।

ब्रश न करने से बढ़ने लगती है ये समस्याएं
1. स्लाइवरी ग्लैंड तेज़ी से कार्य करता है (Increased saliva)
सोने के दौरान मुंह में लार की मात्रा बढ़ जाती है। दरअसल, स्लाइवरी ग्लैंड तेज़ी से काम करने लगते हैं, जिससे स्लाइवा रात में बढ़ता है और उससे बैक्टीरिया पेट से लेकर हार्ट तक हर ओर प्रवेश करता है। बैक्टीरिया की ग्रोथ मल्टीप्लाई होने से संक्रमण का खतरा तेज़ी से बढ़ने लगता है। इससे ब्लड में इंफेक्शन बढ़ने लगता है।
2. सिस्टमिक इंफ्लामेशन (Systemic Inflammation)
40 फीसदी लोगों को सिस्टमिक इंफ्लामेशन और थायरॉइड की समस्या बनी रहती है। हार्ट की लाइनिंग त्रपर इंफेक्शन का प्रभाव पड़ने से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ने लगता है और एन्डोकार्डिटिस का सामना करना पड़ता है। दरअसल, ये हृदय की इन्नर लाइनिंग होती है, जिसे एन्डोकार्डियम कहा जाता है। ये संक्रमण के कारण बढ़ने लगती है। इससे शरीर में सूजन की समस्या बनी रहती है।
3. हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाना (heart disease risk)
ओरल हाइजीन मेंटेन न करने से कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज, आर्टरीज़ ब्लॉकेज और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता हैं। साल 2018 में शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वार्षिक वैज्ञानिक सत्र में एक शोध किया गया था। उसके अनुसार कम से कम दो मिनट और दिन में कम से कम दो बार अपने दांतों को ब्रश करना दिल के दौरे, दिल की विफलता या स्ट्रोक के कम जोखिम को दर्शाता है। वास्तव में कम बार और कम समय के लिए ब्रश करने की तुलना में रात में सोने से पहले ब्रश करने से जोखिम 30 प्रतिशत से अधिक कम पाया गया।