मौसम बदलने के साथ वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जो इस समस्या को बढ़ा देता है। इससे गले में खराश, रूखापन और सांसों की दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक, हल्दी और नमक वाले पानी से गार्गल समेत अनेक नुस्खे कारगर साबित होते हैं।
मौसम बदलने के साथ गले में टॉन्सिलाइटिस का होना एक आम बात है। इनमें सूजन और दर्द की समस्या बनी रहती है। दरअसल, टॉन्सिल गले में छोटी ग्रंथियां होती हैं और उसका काम ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण से बचाना होता है। ऐसी स्थिति में गले में खराश बढ़ने लगती है टॉन्सिल में सूजन व जलन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खाना और पानी निगलने में भी तकलीफ बढ़ जाती है। अधिकतर लोगों की आवाज़ में भी बदलाव महसूस होने लगता है। हांलाकि इससे राहत पाने के लिए लोग अधिकतर दवाओं का रूख करते हैं। मगर कुछ आसान टिप्स की मदद से टॉन्सिलाइटिस की समस्या को हल किया जा सकता है (how to cure tonsils fast)।
क्यों बढ़ने लगती है टॉन्सिलाइटिस की समस्या (Causes of tonsils)
खानपान में कोताही और वातावरण में बढ़ने वाला बैक्टीरिया टॉन्सिल का कारण बनने लगता है और इससे गले में दर्द, निगलने में तकलीफ, बुखार और गर्दन में गांठ की समस्या बनने लगती है। इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि टॉन्सिलाइटिस की समस्या बच्चों और बड़ों हर किसी में पाई जाती है। मौसम बदलने के साथ वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जो इस समस्या को बढ़ा देता है।
इससे गले में खराश, रूखापन और सांसों की दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक, हल्दी और नमक वाले पानी से गार्गल समेत अनेक नुस्खे कारगर साबित होते हैं।

इन आसान नुस्खों से होगी टॉन्सिलाइटिस की समस्या हल (Home remedies to cure tonsils fast)
1. चाय में शहद मिलाकर पीएं
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार चाय जैसे गर्म पेय पदार्थ टॉन्सिलिटिस के कारण होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करते हैं। शहद में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिससे टॉन्सिलिटिस के कारण बनने वाले संक्रमण का इलाज करने में मदद मिलती है। ग्री टी को तैयार करके उसमें शहद को मिलाकर पीने से गले की खराश और खांसी को दूर किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें


2. नमक के पानी से करें गार्गल
गुनगुने पानी में नमक को मिलाकर गरारे करने से गले में बढ़ने वाली सूजन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा टॉन्सिलिटिस के कारण थ्रोट की लाइनिंग में बनने वाली परत भी कम होने लगती है। इसके लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक को मिलाकर दिन में दो बार अवश्य गार्गल करें। इससे गले का दर्द कम होने लगता है।
3. दूध में हल्दी मिलाएं
एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी से गले में बढ़ने वाली सूजन को कम किया जा सकता है। इसके लिए रात में सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी को मिलाएं और आवश्यकतानुसार शहद डालकर मिक्स कर लें। इसका सेवन करने से गले में बढ़ने वाले सक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है।

4. प्रोबायोटिक्स का करें सेवन
दही और केफिर समेत प्रोबायोटिक्स से भरपूर आहार का सेवन करने से शरीर में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती हैं। इससे मुंह में पनपने वाले खराब बैक्टीरिया को कम किया जा सकता है और सांस की दुर्गंध भी कम होने लगती है। प्रोबायोटिक्स का सेवन फूड्स व सप्लीमेंट के माध्यम से कर सकते हैं।
5. लौंग चबाएं
नियमित रूप से लौंग का सेवन करने से शरीर को यूजेनॉल और गैलिक एसिड की प्राप्ति होती है। इन फेनोलिक कंपाउड से संक्रमण को दूर किया जा सकता हैं। इसके अलावा गले में दर्द व लगातार खांसी से राहत मिलती हैं। दिन में 1 से 2 लौंग खाने से फायदा मिलता है। इसके अलावा चाय में उबालकर पीने से भी इसके गुणों की प्राप्ति होती है।
6. अदरक और शहद
सूजनरोधी गुणों से भरपूर अदरक का रस बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ने से रोकता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने में भी मदद मिलती है। इसके लिए अदरक को ग्रेट करके उसका रस निकाल लें और उसमें शहद की कुछ बूंदों को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इसका सेवन करने से टॉन्सिलिटिस के लक्षणों की रोकथाम की जा सकती है।

7. तुलसी की पत्तियों का काढ़ा
तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट, एंअी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुणों की प्राप्ति होती हैं। तुलसी को अधिकतर चाय में उबालकर सेवन किया जाता है। गले की खराश को कम करने के लिए तुलसी, दालचीनी, लौंग और मोटी इलायची को पानी में उबालकर छान लें और फिर उसका सेवन करें। इससे टॉन्सिलिटिस के इलाज में मदद मिलती है।