शरीर के अन्य अंगां को टोन्ड करने के साथ साथ बैकफैट को बर्न करना भी आवश्यक है। इससे न केवल शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है बल्कि टाइट फिटिंग कपड़ों को पहनने में भी हिचकिचाहट महसूस नहीं होती है।
सिडेंटरी लाइफस्टाइल और लॉन्ग सिटिंग पेट पर चर्बी जमा होने के अलावा बैक बल्ज का भी कारण साबित होता है। इसके चलते पीठ में दर्द व उठने बैठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पीठ पर जमा फैट्स को बर्न करने के लिए व्यायाम एक बेहतरीन विकल्प है। इससे न केवल पीठ की मजबूती बढ़ने लगती है बल्कि पोश्चर में भी सुधार आने लगता है। ऐसे में पीठ पर जमा चर्बी को बर्न करने के लिए रूटीन में इन एक्सरसाइज़ (back fat exercise) का अवश्य शामिल करें।
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट पूजा मलिक बताती हैं कि पीठ की कसरत (back fat exercise) करने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने में मदद मिलती है। इससे पीठ और गर्दन के दर्द का जोखिम कम होता है और मांसपेशियों में असंतुलन को रोका जा सकता है। प्लैंक और पुलअप्स समेत कुछ आसान एक्सरसाइज़ को घर और जिम दोनों जगह पर किया जा सकता है। इससे रीढ़ की हड्डी को मज़बूत बनाने में मदद मिलती है।
नियमित रूप से प्लैंक का अभ्यास करने से कोर मसल्स को मज़बूती मिलती हैं। इससे पीठ पर जमा चर्बी को बर्न किया जा सकता है। प्लैंक करने के लिए अपने वजन को अपर बॉडी पर लाएं और पैर की उंगलियों पर टिकाकर पुश अप की स्थिति में आ जाएं। शरीर को सिर से पैर तक एक सीधी रेखा में रखें। 30 सेकण्ड तक इसका अभ्यास करें उसके बाद धीरे धीरे अपना समय बढ़ाने का लक्ष्य रखें।
पुश अप होल्ड एक आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज़ है, जिससे अपर बैक (back fat exercise) और कंधों पर प्रैशर बढ़ने लगता है। इसे करने के लिए पुशअप की स्थिति में शुरू करें। रिपीट करने के दौरान अपनी बाहों को पूरी तरह से फैलाकर रखें। ऊपरी पीठ पर तनाव बढ़ने लगता है। इससे कंधे की हड्डियों की मज़बूती बढ़ने लगती है। 30 सेकण्ड तक इस एक्सरसाइज़ का 3 से 4 सेट्स में अभ्यास करें।
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डेडलिफ्ट समग्र शक्ति के निर्माण के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज़ है, और वे विशेष रूप से आपकी पीठ के निचले हिस्से पर प्रेशर को बढ़ाता हैं। इसका अभ्यास करने से ग्लूट्स को टोन करने में मदद मिलती हैं। पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखते हुए दोनों हाथों में एक डंबल पकड़ें। अपनी पीठ को सीधा रखते हुए डंबल को ज़मीन की ओर नीचे करने के लिए कूल्हों और घुटनों पर झुकें। फिर, सीधे खड़े हो जाएँ। अब डंबल को वापस शुरुआती स्थिति में उठाएँ। 8 से 10 बार दोहराएं और 3 सेट में इसका अभ्यास करें।
वेटिड हाइपरएक्सटेंशन एक्सरसाइज़ से इरेक्टर स्पाइना मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ने लगती है, रीढ़ की हड्डी को फायदा पहुंचाती हैं। इसके लिए अपने पैरों और कूल्हों को सुरक्षित करते हुए खुद को हाइपरएक्सटेंशन बेंच पर रखें। अपनी बाहों को अपनी छाती के ऊपर क्रॉस करें । इसके बाद पीठ को सीधा रखते हुए अपने कूल्हों पर झुकें और अपने धड़ को ज़मीन की ओर नीचे करें। अपने ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से को एंगेज रखें।
बर्ड डॉग एक्सरसाइज़ की मदद से पीठ के निचले हिस्से और कोर को मजबूत करते हुए शरीर के संतुलन और स्थिरता में सुधार करने में मददगार साबित होती है। टेबलटॉप स्थिति में अपने हाथों और घुटनों को टिकाएं। एक साथ अपने दाहिने हाथ को आगे और अपने बाएं पैर को पीछे की ओर खींचें। इस दौरान अपनी पीठ को सीधा बनाए रखें।
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