
घी की शुद्धता जांचने के लिए: थोड़ी सी मात्रा को हाथ पर मलें, अगर चिपचिपा महसूस हो तो घी मिलावटी हो सकता है. असली घी में खुशबू आती है और यह आसानी से पिघल जाता है.

पाचन तंत्र पर असर: नकली घी और मावा में सिंथेटिक रंग, स्टार्च और डिटर्जेंट जैसे हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो पेट में जलन, अपच, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

फूड पॉइजनिंग का खतरा : मिलावटी मावा और घी खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है, जिससे उल्टी, दस्त और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

किडनी और लीवर को नुकसान: नकली मावे में अक्सर सिंथेटिक दूध या केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं और लीवर और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है.

कैंसर का खतरा : कुछ मामलों में नकली घी और मावा में ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं, खासकर लंबे समय तक इनका सेवन करने से गंभीर बीमारी हो सकती है.

हार्ट से जुड़ी समस्याएं: मिलावटी घी में ट्रांस फैट और खराब क्वालिटी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
Published at : 09 Mar 2025 05:41 PM (IST)