शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एक रिपोर्ट ये कहती है कि HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल (cholesterol side effects in glaucoma) के बढ़ने से आंखों की एक बड़ी बीमारी, जिसे ग्लूकोमा कहते हैं, आप उसकी जद में भी आ सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के बारे में पढ़ते, सुनते और देखते हुए हम इतना तो जान ही चुके हैं कि हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। अच्छे और बुरे। अच्छे कोलेस्ट्रॉल को HDL कहते हैं और बुरे को LDL। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से डायबिटीज से लेकर हार्ट तक की दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एक रिपोर्ट ये कहती है कि HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल (cholesterol side effects in glaucoma) के बढ़ने से आंखों की एक बड़ी बीमारी, जिसे ग्लूकोमा कहते हैं, आप उसकी जद में भी आ सकते हैं। कैसे कोलेस्ट्रॉल और आंखों की इस बीमारी का आपस में कनेक्शन है और इसके असर से बचा कैसे जा सकता है। आज हम डॉक्टर और रिसर्च की मदद से समझने वाले हैं।
क्या है ग्लूकोमा? ( what is glaucoma)
ग्लूकोमा एक आंखों की बीमारी है, जिसमें आंखों के भीतर दबाव (आई प्रेशर) बढ़ जाता है, जो आंखों की नसों को नुकसान पहुंचाने लगता है। यह धीरे-धीरे होता है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

ये बीमारी अमूमन दो तरह से होती है। एक टॉ ओपन-एंगल ग्लूकोमा और दूसरा क्लोज़्ड-एंगल ग्लूकोमा (cholesterol side effects in glaucoma)। ओपन-एंगल में आंखों पर दबाव धीरे-धीरे बढ़ता है जबकि क्लोज़्ड-एंगल में यह अचानक बढ़ सकता है, जिससे आंखों में तेज दर्द और नजर धुंधली होने लगती है।
ग्लूकोमा और कोलेस्ट्रॉल का कनेक्शन (cholesterol side effects in glaucoma)
HDL कोलेस्ट्रॉल को हम आमतौर पर ‘गुड कोलेस्ट्रॉल’ मानते हैं, क्योंकि यह हमारे दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह शरीर में खराब (LDL) कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है और धमनियों को साफ रखता है। लेकिन हाल ही में ब्रिटिश जर्नल में छपी स्टडी ने यह दिखाया कि हाई HDL कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा होना हमेशा अच्छा नहीं होता। यानी अगर इसको बहुत ज्यादा बढ़ा लिया जाए तो यह एक नई समस्या (cholesterol side effects in glaucoma) पैदा कर सकता है, खासकर हमारी आंखों की सेहत के लिए।
यह भी पढ़ें


क्या कहती है स्टडी
यह स्टडी करीब 400,000 लोगों पर की गई थी। इन लोगों का 14 साल तक का रिकॉर्ड ट्रैक किया गया और उनके कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच की गई। इसमें यह पाया गया कि जो लोग सबसे ज्यादा HDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर वाले थे उनमें ग्लूकोमा होने का खतरा (cholesterol side effects in glaucoma) 10% ज्यादा था। ग्लूकोमा का मुख्य कारण आंखों के अंदर दबाव का बढ़ना है, जिससे ऑप्टिक नर्व पर तनाव पड़ता है।

अब इस अध्ययन में यह देखा गया कि जिन लोगों के शरीर में HDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा था उनमें ग्लूकोमा का खतरा बढ़ा। इसके विपरीत, जिनमें LDL कोलेस्ट्रॉल ज्यादा था उन्हें ग्लूकोमा होने का खतरा कम था। यानी हर तरह का कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर और आंखों पर अलग असर (cholesterol side effects in glaucoma) डालता है।
कैसे पहचानें ग्लूकोमा को ( Signs of glaucoma)
हमने ग्लूकोमा के लक्षणों को समझने के लिए आई सर्जन डॉक्टर संतोष तिवारी से बात की। उनके अनुसार ग्लूकोमा के ये लक्षण हो सकते हैं –
1. नजर का धुंधलापन ( blurred eyesight)
अगर अचानक आपको अपनी नजर में धुंधलापन महसूस होने लगे तो यह ग्लूकोमा का लक्षण है। ये आंखों में बढ़े प्रेशर के कारण होता है। कई बार दिन में इसके लक्षण (cholesterol side effects in glaucoma) नहीं दिखाई देते लेकिन ऐसे केस में रात को मरीज की आंखें चारों तरफ धुंधला देखती हैं।
- आंखों में दर्द
आंखों में तेज दर्द या प्रेशर महसूस होना भी ग्लूकोमा के लक्षणों में शामिल है। यह दर्द अक्सर सिरदर्द के साथ हो सकता है और आपकी आंखों के आसपास की नसों में भी दर्द हो सकता है।
-
रात में दृष्टि का कम होना
रात के समय आपकी नजर और भी धुंधली या कम हो जाती है तो यह ग्लूकोमा का संकेत हो सकता है।
-
रंगीन घेरे दिखना
अगर आपको अचानक रोशनी के चारों ओर रंगीन घेरे दिखाई देने लगें, तो इसे ‘हैलो इफेक्’” कहा जाता है। यह ग्लूकोमा का एक आम लक्षण है।
-
आंखों में बदलाव ( change in eyes)
अगर आपकी आंखों में पानी आने लगे या किसी प्रकार का आकार में बदलाव महसूस हो, तो यह भी ग्लूकोमा के लक्षण हो सकते हैं।
कैसे बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से ग्लूकोमा के खतरे को रोकें ( how to control cholesterol side effects in glaucoma)
सबसे पहला और जरूरी कदम है गुड कोलेस्ट्रॉल यानी HDL का स्तर बैलेंस्ड रखना। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको इसे बिल्कुल कम कर देना है बल्कि इसका सही रेंज में रहना जरूरी है। अगर HDL का स्तर 45-60 मिलीग्राम/डीएल के बीच है तो ये आदर्श माना जाता है। अगर यह बढ़े तो ग्लूकोमा जैसी समस्याओं का खतरा (cholesterol side effects in glaucoma) बढ़ सकता है इसीलिए इसे कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।

अब सवाल ये है कि इसे कंट्रोल कैसे किया जाए। सबसे पहले तो हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। अपने खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली जैसे फूड्स को शामिल करें। इनसे न सिर्फ आपका कोलेस्ट्रॉल (cholesterol side effects in glaucoma) कंट्रोल में रहेगा बल्कि दिल और शरीर की सेहत भी बनी रहेगी। व्यायाम से आपका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे HDL का स्तर भी कंट्रोल में रहता है और बुरा कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम होता है।
इसके अलावा ध्यान ये रखना है कि अगर आपको ग्लूकोमा के लक्षण (cholesterol side effects in glaucoma) दिखने लगें, जैसे आंखों में दर्द, धुंधलापन, या रंगीन घेरे दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित आंखों की जांच करवाना भी एक स्मार्ट तरीका है ताकि किसी भी समस्या को जल्दी पहचाना जा सके।
ये भी पढ़ें – सुबह की ये 6 आदतें कम करती हैं बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का जोखिम, जानिए क्या हैं ये