क्या आपने कभी नाइटस्टैंड पर रखे गिलास से पुराना पानी पीया है और महसूस किया है कि उसका स्वाद कितना अलग है? यह कार्बन डाइऑक्साइड के परिणामस्वरूप होता है. लगभग 12 घंटे के बाद हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड पानी के गिलास में मिलना शुरू हो जाता है.
इससे पानी का pH कम हो जाता है और इसका स्वाद खराब हो जाता है. फिर भी, पानी पीने के लिए सुरक्षित है. इसके अलावा, ज़्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि नल के पानी की शेल्फ लाइफ़ छह महीने होती है. इस समय के बाद पानी में मौजूद क्लोरीन इस हद तक खत्म हो जाता है कि उसमें बैक्टीरिया और शैवाल पनप सकते हैं. जब पानी को गर्म वातावरण में रखा जाता है. तो बैक्टीरिया की वृद्धि तेज़ हो जाती है.
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) को बोतलबंद पानी पर शेल्फ़ लाइफ़ लेबल लगाने की भी ज़रूरत नहीं है. बोतलबंद पानी अपने आप खराब हुए बिना कई सालों तक चल सकता है, लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो इसे प्रभावित कर सकते हैं.
बोतलबंद पानी को स्टोर करते समय उसे सीधी धूप से दूर रखना और कठोर रसायनों से दूर रखना ज़रूरी है. सूरज की रोशनी पानी में शैवाल की वृद्धि को बढ़ावा दे सकती है और मज़बूत रसायन आस-पास के पानी को अप्रिय स्वाद और गंध से दूषित कर सकते हैं.
अगर आपके पास बहुत ज़्यादा बोतलबंद पानी है, तो उन्हें ढेर करके रखने की इच्छा को रोकें. प्लास्टिक की बोतलों को ढेर करके रखने से वे लीक हो सकती हैं और फट सकती हैं. कुछ बोतलबंद पानी की किस्में हैं जिनके लेबल पर उपयोग या बिक्री की तिथि छपी होती है. बहुत से लोग लंबे समय तक भंडारण के लिए इस तरह के पीने के पानी को खरीदने पर विचार करते हैं.
Published at : 25 Feb 2025 06:19 PM (IST)
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