कुछ लोग त्वरित तौर पर एनर्जी पाने के लिए सॉफ्ट ड्रिंक्स ले लेते हैं ताकि वो ताज़ा महसूस कर सकें। लेकिन इनके फ़ायदों से ज्यादा इनके नुकसान (soft drinks health hazards) हैं। कई बार इन्हें ज्यादा पीना आपको टाइप 2 डायबिटीज तक पहुंचा सकता है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स हम अपने जीवन में बहुत ही आम तौर पर बार-बार इस्तेमाल करते हैं। कई बार खाने के साथ भी हम इन्हें लेते हैं। कुछ लोग त्वरित तौर पर एनर्जी पाने के लिए भी इसे लेते हैं ताकि वो ताज़ा महसूस कर सकें। लेकिन इनके फ़ायदों से ज्यादा इनके नुकसान (soft drinks health hazards) हैं। कई बार इन्हें ज्यादा पीना आपको टाइप 2 डायबिटीज तक पहुंचा सकता है। आज हम यही समझने वाले हैं, एक्सपर्ट की मदद से और ये भी समझेंगे कि इस खतरे से खुद का बचाव कैसे करें।
सॉफ्ट ड्रिंक्स और डायबिटीज का कनेक्शन (Soft drinks and diabetes)
इन ड्रिंक्स में जो शुगर पाया जाता है उसको शरीर बहुत तेजी से एब्जॉर्ब करता है और ब्लड शुगर को बहुत तेजी से बढ़ा देता है। जब ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है तो हमारे शरीर को इंसुलिन के जरिए उसे कंट्रोल करना पड़ता है। इंसुलिन हमारी सेल्स को शुगर का इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन जब ज्यादा शुगर का सेवन करते हैं तो इंसुलिन अपने काम में अच्छे से काम नहीं कर पाता और धीरे-धीरे इंसुलिन रेजिस्टेंस (यानि इंसुलिन काम नहीं करता) की समस्या हो जाती है। और यही इंसुलिन रेजिस्टेंस टाइप 2 डायबिटीज (soft drinks health hazards) का कारण बन जाता है।

हार्वर्ड सेंटर ऑफ पब्लिक हेल्थ ने 90,000 महिलाओं पर एक स्टडी के नतीजे जारी किये थे। नतीजे ये कहते हैं कि ऐसी महिलाएं जिनमे सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने की आदत ज्यादा थी। उनमें टाइप 2 डायबिटीज के खतरे (soft drinks health hazards) भी अधिक थे।
सॉफ्ट ड्रिंक्स के असर (soft drinks health hazards)
फ्रक्टोज और फैटी लिवर
सॉफ्ट ड्रिंक्स में एक और बात है वो है फ्रक्टोज। ये एक तरह की शुगर होती है जो खासकर मक्का के सिरप से आती है। जब हम बहुत सारी फ्रक्टोज खाते हैं और ये हमारे लीवर में जमा हो जाती है जिससे फैटी लिवर हो सकता है।
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फैटी लिवर का मतलब है कि लीवर में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है और ये इंसुलिन रेजिस्टेंस (soft drinks health hazards) को बढ़ाता है जिससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ता है।
एनर्जी में उतार- चढ़ाव (soft drinks health hazards)
सॉफ्ट ड्रिंक पीने से हमें तुरंत तो ऊर्जा मिलती है लेकिन वो ऊर्जा परमानेंट नहीं रहती। जैसे ही शुगर का लेवल बढ़ता है वैसे ही इंसुलिन उसे घटाने की कोशिश करता है और हमें फिर से थकान महसूस होती है। इस चक्कर में हम और ज्यादा खाने (soft drinks health hazards) की कोशिश करते हैं और फिर शुगर का स्तर और भी बढ़ जाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा और बढ़ता है।
टाइप 2 डायबिटीज के खतरे
1. हार्ट की बीमारी (Soft drinks and heart)
साइंस डाइरेक्ट की एक रिपोर्ट कहती है कि डायबिटीज का असर सबसे ज्यादा दिल पर पड़ता है। अगर शुगर का लेवल लंबे समय तक हाई रहता है, तो ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी प्रभावित करता है। इससे हृदय रोग, दिल का दौरा और कई बार स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है।
2. किडनी की समस्या (soft drinks health hazards)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज से किडनी भी प्रभावित होती है। ज्यादा शुगर के कारण किडनी में नुकसान हो सकता है और ये किडनी फेलियर तक भी जा सकता है।
3. आंखों की समस्या ( soft drinks and eye problem)
अगर डायबिटीज का इलाज समय पर न किया जाए तो आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है। डायबेटिक रेटिनोपैथी नाम की बीमारी (soft drinks health hazards) हो सकती है जिससे अंधापन भी हो सकता है।
4. घावों का ठीक न होना
डायबिटीज के कारण शरीर में खून का संचार धीमा हो जाता है जिससे घावों का ठीक होना भी मुश्किल हो जाता है। इससे इंफेक्शन का खतरा (soft drinks health hazards) बढ़ जाता है।
डायबिटीज से बचने के तरीके
1. सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूर रहें
सबसे पहली बात तो ये है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन कम से कम करें। ये चीनी का सबसे बड़ा सोर्स होते हैं। इसके बजाय आप घर का बना ताजे फल का जूस, नारियल पानी या फिर पानी पी सकते हैं।
2. हेल्दी डाइट
ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करें। रिफाइंड चीनी और अत्यधिक फैटी चीजों (soft drinks health hazards) से बचें।

इससे आपके शरीर में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है।
3. नियमित व्यायाम करें
व्यायाम से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है और इंसुलिन का प्रभाव (soft drinks health hazards) सही तरीके से होता है। रोज़ कम से कम 30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, जैसे तेज चलना, योगा या फिर साइकिलिंग करना बहुत फायदेमंद होता है।
4. वजन को कंट्रोल करें
अगर आपका वजन ज्यादा है तो उसे घटाने की कोशिश करें। ज्यादा वजन इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा (soft drinks health hazards) ज्यादा हो सकता है।
5. डॉक्टर की सलाह लें
अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो आपको भी खुद की जांच करवानी चाहिए। ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करवाएं । समय पर इलाज और दवाइयां लेकर टाइप 2 डायबिटीज को दूर किया जा सकता है।
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