मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो गलत जीवनशैली और अनुचित खानपान की वजह से तेजी से बढ़ रही है। केवल अस्वस्थ खानपान ही नहीं बल्कि रोज़मर्रा के जीवन में हम ऐसी कई गलतियां करते हैं, जिससे शरीर में मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है।
मधुमेह यानि डायबिटीज़ एक नॉन कॉम्यूनिकेबल लाइफस्टाइल डिज़ीज है जिसमें इंसुलिन प्रतिरोध के कारण शरीर के रक्त शर्करा का स्तर उच्च बना रहता है। दरअसल, शरीर में ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन इंसुलिन अप्रभावी होने लगता है। क्रोनिक उच्च रक्त शर्करा के स्तर वाले कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन इंसुलिन के उचित कार्य में बाधा डाल सकता हैए जिससे मधुमेह का जोखिम बढ़ने लगता है। अक्यर लोग खानपान में बढ़ने वाली कोताही को ही मधुमेह का कारण मानने लगते है। मगर इसके अलावा रोज़मर्रा के जीवन में व्यक्ति ऐसी कई गलतियां (Diabetes mistakes) करते हैं, जिससे शरीर में मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है।
इस बारे में डायबिटीज़ एजुकेटर और कंसल्टेंट डायटीशियन कनिका मल्होत्रा बताती हैं कि मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो गलत जीवनशैली और अनुचित खानपान की वजह से तेजी से बढ़ रही है। इसमें खानपान में बढ़ने वाली अनदेखी के अलावा शारीरिक गतिविधि की कमी और तनाव इस समस्या के जोखिम को बढ़ा देते हैं (Diabetes mistakes)।

इन गलतियों से बढ़ने लगती है डायबिटीज़ की समस्या (Mistakes can lead diabetes)
1. शारीरिक गतिविधि की कमी
सबसे बड़ी गलती अनियमित दिनचर्या और शारीरिक गतिविधियों की कमी है। वे लोग जो दिनभर बैठे रहते हैं और व्यायाम नहीं करते, उनमें इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है (Diabetes mistakes)। ऐसे में खाना खाने के बाद कुछ देर वॉक करने से मदद मिलती है। इसके अलावा सुबह उठकर खाली पेट व्यायाम करना भी सेहत को फायदा पहुंचाता है।
2.आहार में प्रोसेस्ड और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना
दूसरी आम गलती है अत्यधिक प्रोसेस्ड और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन। मीठे पेय, पैकेज्ड स्नैक्स और मैदा युक्त भोजन शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को अचानक बढ़ाते हैं, जिससे पैंक्रियास पर अधिक दबाव पड़ता है। इसके अलावा रिफाइंड कार्ब्स का बढ़ता चलन इस समस्या का कारण साबित हो रहा है। ऐसे में ब्रेड, चावल और चीनी को क्विनोआ और ब्राउन राइज़ से रिप्लेस कर दें।
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3. समय पर खाना न खाना
तीसरी गलती भोजन के समय का सही ध्यान न रखना है। देर से भोजन करना, नाश्ता छोड़ना या एक साथ बहुत अधिक खाना ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है। रोज़ाना समय पर आहार न लेने से शरीर में शुगर का स्तर अनियंत्रित होने लगता है। साथ ही मेटाबॉलिज्म पर उसका असर दिखने लगता है। साथ ही कुछ लोग ओवरइटिंग का भी शिकार होने लगते हैं।
4. मानसिक तनाव का बढ़ना
रोजमर्रा के जीवन में बढ़ने वाली तनाव की समस्या मधुमेह का कारण साबित हो सकती है। दरअसल, तनाव लेने से शरीर में हार्मोन का स्तर असंतुलित होने लगती है। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन कम होने लगता है और कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी दिखने लगता है। इससे शरीर में मधुमेह का खतरा बढ़ा सकता है।
5. पर्याप्त नींद न लेना
वे लोग जो अनिद्रा के शिकार है, ऐसे लोगों में नींद न आना इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करता है। इससे टाइप.2 डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है। इन गलतियों से बचने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, समय पर भोजन और मानसिक शांति आवश्यक है। सही आदतें अपनाकर मधुमेह को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।

इन बातों का रखें अवश्य ख्याल
- आहार को संतुलित बनाए रखने के लिए स्टार्च से भरपूर फूड्स को अवॉइड करें। इससे टाइप 2 डायबिटीज़ के खतरे से बचा जा सकता है। नॉन स्टार्ची सब्जियां जैसे पालक, गाजर, मूली, ब्रोकली, खीरा और टमाटर का सेवन करें।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपनाएं यानि खाने के लिए एक समय सीमा तय कर लें। इससे शरीर में इंसुलिन हार्मोन को रेग्यूलेट यानि विनियमित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा दिनभर में 2 से 3 मील्स लें और बार बार खाना खाने से बचें।
- अल्कोहल का सेवन करने से बचें। इससे शरीर में फैट्स की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल का स्तर बढ़ने लगता है।